रायपुर

रायपुर, 1 अप्रैल। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के 5 अप्रैल को छत्तीसगढ़ में बस्तर आगमन पर भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ छत्तीसगढ़ प्रदेश का प्रतिनिधि मंडल उनसे भेंट करेगा।इसमें मध्यप्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49(6) को विलोपित कर दोनों राज्यों के बीच 24 वर्षो से लंबित पेंशनरी आर्थिक दायित्व के बंटवारे की मांग कर भाजपा शासित दोनों राज्य सरकारों को निर्देशित करने का आग्रह करेंगे। महासंघ के राष्ट्रीय महामंत्री तथा प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव ने बताया है कि विगत 24 वर्षो से छत्तीसगढ़ के पेंशनर्स राज्य बटवारे के बाद से आर्थिक भुगतान में नुकसान झेल रहे हैं। मध्यप्रदेश राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 के धारा 49 के छटवीं अनुसूची के प्रावधानों के विलोपित करने में दोनों राज्य सरकारों द्वारा रुचि नही लेने के कारण दोनों ही राज्यों के 6 - 7 लाख पेंशनरों को केन्द्र सरकार के समान महंगाई राहत भत्ता या अन्य आर्थिक भुगतान के मामलों को लेकर दोनों ही राज्यों के सरकार की आपसी सहमति का इंतजार करना मजबूरी बना हुआ है। इसीलिए हाल ही में छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री ओ पी चौधरी द्वारा विधानसभा में बजट भाषण में कर्मचारियों को जुलाई 25 का 3 प्रतिशत महंगाई भत्ता बिना एरियर देने के घोषणा और बाद में 5 मार्च 25 को बिना एरियर अप्रैल 25 से भुगतान के आदेश जारी करने के 1 माह बाद भी छत्तीसगढ़ के पेन्शनर वंचित है।