रायपुर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 17 अक्टूबर। दूधाधारी बजरंग महिला महाविद्यालय में आज दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार शुरू हुआ। सेमिनार का विषय है मॉडर्न आस्पेक्ट्स इन साइंस एंड टेक्नोलॉजी। उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि रविवि के कुलपति प्रोफेसर सच्चिदानंद शुक्ल ने कहा कि यह सेमिनार दूसरों को भी प्रेरित करेगा । विज्ञान में नित नए आविष्कार होते रहे हैं । उन्होंने कहा कि मेरा ऐसा विश्वास है कि भविष्य में विज्ञान अध्यात्म से ही जुड़ेगा। भारतीय ज्ञान परंपरा में विज्ञान के प्रयोग देखे जा सकते हैं । हमें एक राष्ट्रीय नेटवर्क सिस्टम बनाना चाहिए जिसमें सभी अध्ययन संस्थाएं आपस में जुड़ें और अपने शोध साझा करें ।
प्राचार्य डॉ.किरण गजपाल ने कहा कि महाविद्यालय शोध के क्षेत्र में बहुत सक्रिय है इसे 1 करोड़ का क्यूरी प्रोजेक्ट मिला है, 96 शोधपत्र प्रकाशित हुए हैं और कई शोध प्रोजेक्ट चल रहे हैं। आईक्यूएसी प्रभारी डॉ उषाकिरण अग्रवाल ने विज्ञान के लिए कहा कि तुमको मैं क्या कहूं जेसी बोस की पौधों से गुफ्तगू ,या हरगोविंद खुराना का शोध.. ,या रमन इफेक्ट.. ,तुम कहां नहीं हो,तुम विज्ञान हो पर अपनी बात रखी। संयोजक रसायन शास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ.मनीषा मिश्रा ने कहा कि दो दिन तक विज्ञान और प्रौद्योगिकी के सभी आधुनिक पहलुओं पर चर्चा करके यह प्रयास किया जाएगा कि कुछ नए विश्लेषण पूर्ण परिणाम हासिल किए जा सके।
भौतिकी के विभागाध्यक्ष डॉ.मोहन लाल वर्मा ने कहा मंगलयान हो या चंद्रयान , स्मार्ट फोन हो या आपकी रसोई के आधुनिक इक्विपमेंट सब में प्रौद्योगिकी का सकारात्मक प्रयोग हो रहा। मुख्य वक्ता प्रोफेसर कल्लोल कुमार घोष ने भारत के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी का महत्व बताया। उन्होंने कहा कि रोबोटिक्स से भविष्य में बहुत सारे परिवर्तन देखने मिलेंगे, सब कुछ कंट्रोल किया जा सकेगा, लिथियम बैटरी और सेमीकंडक्टर की दुनिया भी बदलने वाली है । जीवन के हर क्षेत्र में ,हर आयु वर्ग में विज्ञान का सकारात्मक दखल है। प्रथम सत्र में डॉ नमिता ब्रह्मे का व्याख्यान हुआ ।
डॉ. रागिनी पांडे ने संचालन और डॉ. राम सरोजिनी ने धन्यवाद ज्ञापित किया । इस मौके पर डॉ. प्रकाश कौर और मधुलिका पांडव की पुस्तक बायोएक्टिव कंपाउंड तथा एंटी बैक्टिरियल एफिकेसी पुस्तक का विमोचन भी किया गया ।
आयोजन में सचिव डॉ. श्याम बाबू सिंह, तथा सदस्य डॉ.अल्का तिवारी, हेमलता साहू , कविता ठाकुर , प्रतिभा साहू , कैरोलिन एक्का की सक्रिय सहभागिता रही।