रायपुर

रायपुर दक्षिण उपचुनाव, कांग्रेस-भाजपा में हलचल
15-Oct-2024 5:00 PM
रायपुर दक्षिण उपचुनाव, कांग्रेस-भाजपा में हलचल

अग्रवाल समाज के बाद ब्राम्हण नेताओं की लॉबिंग

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 15 अक्टूबर।
रायपुर दक्षिण उपचुनाव की घोषणा के साथ राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। इस कड़ी में भाजपा में प्रत्याशी चयन के लिए मंथन चल रहा है। कांग्रेस में भी दावेदारों में से बेहतर नाम पर चर्चा चल रही है। इन सबके बीच अग्रवाल समाज के बाद ब्राम्हण समाज ने भी टिकट के लिए लॉबिंग की है।

सांसद बृजमोहन अग्रवाल की विधानसभा सीट रायपुर दक्षिण में नामांकन दाखिले की प्रक्रिया 18 अक्टूबर से शुरू होगी, और 13 नवंबर को मतदान होगा। चुनाव तारीख की घोषणा के बाद राजनीतिक गहमागहमी बढ़ गई है। 

भाजपा में प्रत्याशी के नामों पर विचार के लिए कोरग्रुप की बैठक भी हो चुकी है। सांसद बृजमोहन अग्रवाल दिल्ली में हैं। भाजपा से पूर्व सांसद सुनील सोनी के साथ ही केदार गुप्ता, संजय श्रीवास्तव, नंदन जैन (अग्रवाल), मीनल चौबे, मनोज शुक्ला, अंजय शुक्ला, मृत्युंजय दुबे, और रमेश ठाकुर, अमित साहू के नाम प्रमुखता से चर्चा में है। 

कांग्रेस से भी सभापति प्रमोद दुबे, ज्ञानेश शर्मा, मेयर एजाज ढेबर, कन्हैया अग्रवाल, सन्नी अग्रवाल, सुमित दास सहित कई नाम चर्चा में है। इन सबके बीच सामाजिक संगठनों ने भी मुख्य दल भाजपा और कांग्रेस से अपने समाज से टिकट तय करने के लिए दबाव बनाया है। 

बताया गया कि अग्रवाल समाज की एक बैठक में अग्रवाल समाज से प्रत्याशी तय करने की मांग की गई है। भाजपा से केदार गुप्ता, नंदन जैन (अग्रवाल), अनुराग अग्रवाल, और विजय अग्रवाल का नाम समाज की तरफ से प्रमुखता से उभरा है। 

दूसरी तरफ, ब्राम्हण समाज से भी दोनों ही दलों के प्रमुख नेताओं से मिलकर अपने समाज से प्रत्याशी तय करने की मांग की गई है। रायपुर दक्षिण में सर्वाधिक 30 हजार मतदाता ब्राम्हण समाज के हैं। ब्राम्हण समाज के प्रमुख नेता अरूण शुक्ला, अविनाश शुक्ला, डॉ.सुरेश शुक्ला सहित अन्य नेताओं ने पूर्व डिप्टी सीएम टी.एस.सिंहदेव से मिलकर अपने समाज से प्रत्याशी तय करने की मांग की है। ब्राम्हण समाज से प्रमोद दुबे, और ज्ञानेश शर्मा सहित कई नाम हैं।

यही नहीं, समाज से जुड़े नेता भाजपा के प्रमुख लोगों से भी मिलने की तैयारी कर रहे हैं। ब्राम्हण समाज से मीनल चौबे, अंजय शुक्ला, मनोज शुक्ला, और मृत्युंजय दुबे के नाम हैं। मीनल भाजपा पार्षद दल की नेता हैं। जबकि मृत्युंजय दुबे चार बार के पार्षद हैं। मनोज शुक्ला की कार्यकर्ताओं के बीच स्वीकार्यता है जबकि अंजय शुक्ला का लंबा राजनीतिक कैरियर रहा है। बहरहाल, टिकट को लेकर खींचतान जारी रहेगी। 


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