रायपुर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 13 अक्टूबर। डॉ राकेश गुप्ता ने कहा है कि निजी चिकित्सा संबंधी कॉलेज में एनआरआई नियतांक श्रेणी की सीटों में केंद्रीय अधिनियम की परिभाषा के अनुसार प्रवासी होने संबंधित समुचित प्रमाण पत्र परिभाषा एवं श्रेणी के अनुसार प्रवेश देने एवं निर्धारित तिथि तक विद्यार्थी उपलब्ध न होने पर मुक्त (ओपन )श्रेणी के नीट उत्तीर्ण विद्यार्थियों को मेरिट के अनुसार प्रवेश देने संबंधी निर्देश तत्काल जारी करें। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के हुए आदेश के विरुद्ध सभी अप्रवासी छात्रों का प्रवेश निरस्त किया जाए।और सर्वोच्च न्यायालय ,24 सितंबर 24 पंजाब राज्य एवं अन्य विरुद्ध गीतन वर्मा एवं अन्य में पारित निर्णय का पालन किया जाए।
डॉ गुप्ता ने मुख्यमंत्री,चिकित्सा शिक्षा मंत्री, मुख्य सचिव, एसीएस कमिश्नर,संचालक, चिकित्सा शिक्षा से अप्रवासी भारतीय छात्रों के छत्तीसगढ़ मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस एवं अन्य सभी चिकित्सा व्यवसाय संबंधी प्रवेश में सर्वोच्च न्यायालय एसएलए (सी) 22174 2024 के आदेश का पालन कर प्रवेश- काउंसलिंग प्रक्रिया तत्काल प्रभाव से रोक लगाए।
उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा पंजाब उच्च न्यायालय के आदेश को सही पाया है. पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने पंजाब सरकार की उस अधिसूचना को रद्द कर दिया था, जिसमें पंजाब राज्य के मेडिकल कॉलेजों में अप्रवासी भारतीय कोटा से एडमिशन की शर्तों में संशोधन किया गया था। अप्रवासी भारतीय छात्रों कोटा से पंजाब सरकार के एमबीबीएस प्रवेश के तरीके को गलत कहा है । पंजाब सरकार के भारतीय नोटिफिकेशन को माननीय पंजाब हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया था।
24 सितंबर 24 को जारी उपरोक्त सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा पारित निर्णय के विरुद्ध 27 सितंबर 2024 को छत्तीसगढ़ शासन के पुराने नियम द्वारा काउंसलिंग आवंटन प्रक्रिया की गई है। उच्चतम न्यायालय ने इस बात पर जोर दिया है कि अप्रवासीय भारतीयों के कोटे में दूर के रिश्तेदारों को एडमिशन में आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता है।
गुप्ता के मुताबिक छत्तीसगढ़ वर्तमान वर्ष में चिकित्सा दंत चिकित्सा एवं भौतिक चिकित्सा फिजियोथैरेपी स्नातक प्रवेश नियम 25 मई 2018 की नियमावली के अनुसार भर्ती प्रक्रिया की गई है।
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा कराई गई स्नातक प्रवेश नियम 2018 के पारित किए गए निर्णय अनुसार ही पंजाब सरकार की तरह अप्रवासी भारतीयों के पिता,माता ,भाई ,बहन ,भाई की, बहन की संतान, चाचा, चाचा की संतान बुआ ,बुआ की संतान नाना ,नानी ,दादा, दादी से रिश्ता लिया गया है। जिसे सर्वोच्च न्यायालय ने फ्रॉड कहकर नकार दिया है। इस प्रकार अप्रवासी भारतीयों (एनआरआई) के प्रवेश कोटे में दूर के रिश्तेदारों के आधार पर आरक्षण के विस्तार पर रोक लग गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि रिश्तेदार की परिभाषा को व्यापक बनाने से संभावित दुरूपयोग का द्वार खुल जाता है जिससे वास्तविक अप्रवासी भारतीय और उनके बच्चों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से बनाई गई नीति में योग्य उम्मीदवारों को मदद नहीं मिलती है। सर्वोच्च न्यायालय के इस निर्णय के बाद अप्रवासी कोटा में उपरोक्त दूर के रिश्ते के आधार पर मेडिकल सीटों में प्रवेश नहीं देना है। पंजाब उच्च न्यायालय के निर्णय पर सर्वोच्च न्यायालय की 24 सितंबर 2024 की स्वीकृति के बाद छत्तीसगढ़ शासन ने 27 सितंबर को काउंसलिंग प्रक्रिया 2018 के नियम के अनुसार किया है (कृपया छत्तीसगढ़ शासन राज्य पत्र 25 में 2018 संलग्न पृष्ठ 17 का अवलोकन करें) क्योंकि माननीय सर्वोच्च न्यायालय की अवमानना प्रतीत होता है।
पूर्व विधायक विकास उपाध्याय भी भाठागांव, हीरापुर, लाखेनगर, मोहबाबाज़ार, टिकरापारा, गुढिय़ारी में आयोजित रावण दहन कार्यक्रम शामिल हुए। इस दौरान उनके साथ कांग्रेस पार्टी के साथी भी उपस्थित थे। पहले उन्होंने रामलीला मंच पर राम रावण का युध्द देखा और फिर रावण दहन किया।