रायपुर
आरक्षण श्रेय का झगड़ा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 2 अप्रैल। 58 प्रतिशत आरक्षण को लेकर भाजपा और कांग्रेस में श्रेय लेने की होड़ लग गई है। भाजपा के दिग्गज नेता पूर्व अध्यक्ष विक्रम उसेंडी, पूर्व मंत्री लता उसेंडी और चंद्रशेखर साहू ने मंगलवार को पत्रकारों से चर्चा में कहा कि 19 सितंबर 2022 को भूपेश सरकार के षड्यंत्र और लापरवाही के कारण हाईकोर्ट से अपास्त आरक्षण अधिनियम का प्रभाव नौकरियों सहित अन्य शिक्षा सुविधाओं पर ना हो इसके लिए भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा ने शुरू से संघर्ष किया और भूपेश सरकार पर आंदोलन और पूरे प्रदेश में चक्का जाम कर दबाव बनाया किया कि हाईकोर्ट से अपास्त घोषित आरक्षण पर न्याय केवल सुप्रीम कोर्ट ही दे सकता है।
उन्होंने कहा कि भूपेश सरकार अपने हठधर्मिता के कारण इस निर्णय के खिलाफ सुप्रीमकोर्ट जाने से बचती रही, और तो और जब अन्य आदिवासी पक्षकार हाईकोर्ट के इस निर्णय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाकर प्रदेश सरकार के खिलाफ नोटिस जारी करवाए तो भूपेश सरकार ने नोटिस का भी कोई जवाब दाखिल नहीं किया।
उसेंडी ने कहा कि कांग्रेस के बड़े वकील सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान हर बार प्रकरण को आगे की तारीख लेते नजर आए। 19 अप्रैल 2022 को भाजपा अजजा मोर्चा द्वारा पत्र लिखकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को आरक्षण के मामले को उचित वैधानिक तरीके से सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रख कर राहत दिलाने की चेतावनी देते हुए कहा था कि राहत न मिलने पर अजजा मोर्चा विभिन्न आदिवासी संगठनों के साथ रायपुर के शहीद वीरनारायण सिंह जी के बलिदान स्थल जयस्तंभ चौक पर आमरण अनशन करेंगे। इस चेतावनी के बाद कुंभकर्णी नींद में सोई भूपेश सरकार नींद से जागी और 25अप्रैल 2023 को सुप्रीम कोर्ट में अर्जेंट हियरिंग का निवेदन किया। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए 1 मई को भाजपा शासनकाल के 58 प्रतिशत वाले आरक्षण अधिनियम को स्टे दे दिया। कांग्रेस सरकार अगर कोशिश करती तो सितंबर 2022 को ही यह निर्णय आ सकता था पर आरक्षण के मामले पर कांग्रेस की नीयत में खोट है।
साहू ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा मिले इस न्याय से स्पष्ट है कि हाईकोर्ट तक में शासन ने अपना पक्ष बेहतर नहीं रखा।
कांग्रेस चाह रही थी कि सरकार किसी तरह हार जाए। इसीलिए उसने क्वांटिफायबल डेटा आयोग की रिपोर्ट को भी सार्वजनिक नहीं किया है।
ऐसे तमाम कृत्यों के कारण कांग्रेस की नीयत पर हमेशा सवाल उठता ही रहेगा।
भाजपा का यह स्पष्ट मानना है कि जान बूझ कर कांग्रेस सरकार आरक्षण का मुक़दमा हारना चाहती थी ताकि एक भी नौकरी नहीं दे पाने की अपनी विफलता पर वह पर्दा डाल सके। इस फैसले से कांग्रेस का नक़ाब उतर गया है। उसका असली चेहरा एक बार और जनता के बीच आया है।
भाजपा यह मांग करती है कि अब ऐसी सभी बहानेबाज़ी को छोड़ कर कांग्रेस सरकार जल्द से जल्द सभी ख़ाली पदों पर पारदर्शिता और ईमानदारी के साथ आरक्षण रोस्टर का पालन करते हुए भर्तियां शुरू करे। युवाओं के भविष्य से संबंधित ऐसे महत्वपूर्ण विषय पर किसी भी तरह की हीलाहवाली अब भाजपा बर्दाश्त नहीं करेगी। प्रदेश के युवा भी अब इसे सहन नहीं करेंगे।
भाजपा ने छत्तीसगढ़ में 58 प्रतिशत आरक्षण लागू किया और कांग्रेस ने उसे छीना ,फिर भाजपा ने पुन: संघर्ष कर सरकार के खिलाफ चक्काजाम ,धरना और हर संभव प्रयास करके आरक्षण लागू करवाया है और छत्तीसगढ़ के लोगो को आरक्षण मिलता रहे भाजपा इसके लिए प्रतिबद्ध है,पुन: सबको बधाई, मा.सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत।
प्रेस वार्ता में भाजपा प्रदेश मीडिया सह प्रभारी अनुराग अग्रवाल ,भाजपा जिला रायपुर अध्यक्ष जयंती पटेल भाजपा रायपुर ग्रामीण अध्यक्ष अभिनेष कश्यप मौजूद रहे।
नौवीं अनुसूची में शामिल कराएं तो मानू
58 प्रतिशत आरक्षण पर भाजपा द्वारा श्रेय लेने पर सीएम भूपेश बघेल ने कहा, रमन सरकार ने घटिया काम किया. आरक्षण लागू कर दिया, घोषणा का अता पता नहीं था. सीएम बघेल ने डॉ. रमन सिंह को चैलेंज दिया कि अगर आरक्षण के पक्षधर हैं तो जो आरक्षण विधेयक विधानसभा में पारित हुआ है उसे 9वीं में शामिल कराएं. राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं तो 9वीं अनुसूची में शामिल कराएं. उन्हें मैं धन्यवाद देना चाहूंगा, दूसरे के काम पर पीठ थपथपा रहे, अपनी नाकामी को छुपा रहे. शरद पवार के इस्तीफे पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, बहुत ही वरिष्ठ राजनेता हैं. मुख्यमंत्री रहे, केंद्रीय मंत्री रहे उनके समकालीन कम ही राजनेता देश में बाकी है, जो राजनीति में सक्रिय हैं. वह अभी भी राजनीति में सक्रिय हैं. किन कारणों से इस्तीफा दिया, इसकी वजह से मुझे पता नहीं है।


