रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 2 अप्रैल। अनाप-शनाप खर्च के लिए जाने, जाने वाले रायपुर स्मार्ट सिटी की एक और फिजुलखर्ची उजागर हुई है। जेजेएम में खुदी शहर की सडक़ों को चमकाने के नाम पर पुराने स्ट्रीट लाइट खंभें हटा कर करोड़ों रुपए की लागत वाले डेकोरेटिव स्मार्ट पोल लगाए थे।
शहर में दो दिन पहले हुई हल्की बारिश से स्मार्ट पोल की पोल खुल गई है ।लगभग 2-2 लाख रुपए कीमत के पोल कई जगहों पर मुड़ गए हैं और इनमें लगी लाइटें बंद हो गई है।इनके लगने के पहले ही पोल की डिजाइन पर सवालिया निशान था।अब जब बे- मौसम बारिश से इनकी यह हालत है तो मानसून की बारिश में भगवान ही जाने इनका क्या होगा।
सुनहरी रौशनी से सराबोर ये खंभे देखने में काफी सुंदर है।लेकिन लगभग 2-2 लाख रुपए की कीमत के खंभे पुराने स्ट्रीट लाइट से कम रौशनी देते हैं। साथ ही दो खंभों के बीच बनने वाला ब्लैक स्पॉट का आकार भी दो गुना है और बिजली की खपत भी डबल है।जब यह खंभे लगाए जा रहे थे तो इनकी गुणवत्ता और कीमत पर सवाल खड़ा हुआ था।अब रायपुर में जब हल्की बारिश हुई है तो इन खंभों की पोल खुल गई है । स्मार्ट सिटी प्रबंधन के अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल खड़ा हो रहा है। ये पोल सिर्फ राजभवन नहीं बल्कि सिविल लाइन,बंजारी बाबा मजार चौक,निर्वाचन कार्यालय भगत सिंह चौक,कटोरा तालाब,नेताजी चौक जाने वाले सडक़ों पर लगे दर्जनों पोल पिछले कई दिनों से बंद पड़े हैं। इसकी सुध न तो अधिकारी और न ही स्मार्ट सिटी के ठेकेदारों को ।नेताजी चौक से जल विहार जाने वाली सडक़ का तो हाल और भी बेहाल है।यहां दो माह पहले पोललाइट लगाए गए थे लेकिन एक दिन के बाद आज तक ये पोललाइट दुबारा शुरु नहीं हो पाए हैं अभी तो बंद पड़ रहे इन पोल का मेंटेनेंस इन्हे लगाने वाला ठेकेदार तो कर देगा लेकिन सवाल यह है की ऐसे खंभे लगाए ही क्यो गए जिनका मेंटेनेंस करने एक समय के बाद लाखों रुपए का टेंडर दोबारा करना पड़े।


