रायपुर

माहेश्वरी सभा ने शुरू की गणगौर महोत्सव की तैयारियां, सहयोगी समितियों का गठन
24-Mar-2023 7:26 PM
माहेश्वरी सभा ने शुरू की गणगौर महोत्सव की तैयारियां, सहयोगी समितियों का गठन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 24 मार्च। माहेश्वरी सभा  इस वर्ष भी पारम्परिक पर्व गणगौर हर्षोल्लास के साथ मनाएगी। सभा के प्रचार प्रसार प्रभारी विष्णुकांत सारडा ने बताया कि आयोजन के लिए  विभिन्न समितियों का गठन किया गया है।  पूरे कार्यक्रम के संयोजक शिवरतन सादानी बनाये गए है। शोभायात्रा समिति- गोवर्धन झंवर, सन्दीप मर्दा, गोपाललाल राठी, गोपीदास बागड़ी,  नवरतन माहेश्वरी, दीपक डागा, संजय रामरतन मोहता, डॉ सतीश राठी, हितेश नत्थानी, जितेश मोहता, ऋषभ लोया, ललित बागड़ी, सुरजरतन मोहता, राजकुमार चितलंग्या,  लक्ष्मीनारायण लाहोटी, अनिल बजाज, मनोज राठी,  शैलेन्द्र करवा, राजेश मूंदड़ा, सुरेश भट्टड़, गोपाल बजाज रहेंगे।

प्रसाद निर्माण समिति: सुशील बागड़ी, नंदलाल मोहता, ओमप्रकाश नागोरी, देवरतन बागड़ी, विजय लखोटिया, द्वारकादास मल, विजय दम्माणी, रामरतन मोहता, बद्री झंवर,  कृष्णकुमार डागा,  विनोद माहेश्वरी, शंकर मोहता,  गोपीदास बागड़ी, श्रीगोपाल सारड़ा,  सूरजभान मोहता, राजेश बागड़ी  श्याम चांडक,  राजेश तापडिय़ा,  भूपेंद्र करवा हैं। पूजा व्यवस्था समिति : गोवर्धन झंवर, श्रीमती मधुरिका नत्थानी, श्रीमती रमा मल, श्रीमती मधु राठी हैं।

स्टेज सजावट समिति : माहेश्वरी महिला समिति, माहेश्वरी युवा मण्डल महिला समिति।

प्रसाद वितरण समिति : माहेश्वरी महिला समिति : श्रीमती रमा मल (अध्यक्षा), श्रीमती मधु राठी (सचिव) एवम समस्त सदस्याएं, माहेश्वरी युवा मंडल : नीलेश मूंधड़ा (अध्यक्ष)  जयंत मोहता (सचिव) एवम समस्त सदस्य, माहेश्वरी युवा मण्डल महिला समिति : श्रीमती सीमा नत्थानी (अध्यक्षा) श्रीमती मीनाक्षी मूंधड़ा (सचिव) एवँ समस्त सदस्याएं, माहेश्वरी सभा के एवम उपरोक्त समितियों के समस्त कार्यकारिणी सदस्य, एवम सदस्यों का सक्रिय सहयोग प्रदान किया जा रहा है।

सभा के अध्यक्ष  संपत काबरा ने बताया कि गणगौर पर्व  होलिका दहन के दूसरे दिवस से प्रारंभ हो कर चैत्र सूद तीज तक मनाये जाने वाला यह महापर्व एक महोत्सव रूप में संपूर्ण भारतवर्ष में राजस्थानी संस्कृति की अपनी अनूठी छटा बिखेरता है। पारिवारिक व सामाजिक दृष्टि से भी यह पर्व महत्वपूर्ण है। अखण्ड सौभाग्य की मंगलकामनाओं के साथ मनाए जाने वाले इस पर्व में माता गवरा जी (पार्वती जी) एवँ ईसर जी (आराध्य भगवान शिव जी) की पूजा अर्चना की जाती है। माता की बाड़ी यानी जवारे बोए जाने वाला स्थान पर नित्य पूजा एवम गीत गाए जाते हैं।

 


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