रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 15 मार्च। मध्यप्रदेश पापुनि के पूर्व अध्यक्ष, तथा वरिष्ठ अधिवक्ता इकबाल अहमद रिजवी ने पूर्व में स्वीकृत खण्डपीठ के लिए स्थापना व्यय की राशि इसी बजट सत्र में स्वीकृत करने की मांग की है। उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, विधानसभा अध्यक्ष डा. चरणदास महंत एवं विधि मंत्री मोहम्मद अकबर का ध्यान ईमेल के माध्यम से आकर्षित कर स्मरण दिलाते हुए कहा है कि 8 दिसंबर 15 को वर्तमान स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने अशासकीय संकल्प प्रस्तुत किया था। जिसमें रायपुर, बस्तर एवं सरगुजा में खण्डपीठ स्थापना का प्रस्ताव था। 23 दिसम्बर को सर्वसम्मति से स्वीकृत किया गया था। उस समय गौरीशंकर अग्रवाल विधानसभा अध्यक्ष थे।
रिजवी ने बताया है कि उक्त खण्डपीठ स्थापना के सर्वसम्मति स्वीकृत अशासकीय संकल्प को आज 7 वर्ष हो चुके हैं परन्तु न तो भाजपा शासनकाल में कोई पहल की गई और न ही कांग्रेस के सवा चार साल के कार्यकाल गुजर जाने के बाद भी खण्डपीठ स्थापना की दिशा में कोई सुगबुगाहट सुनाई दी जो आश्चर्य का विषय है तथा प्रचलित अवधारणा सस्ता, शीघ्र एवं सुलभ न्याय की अनदेखी नजर आ रही है। इसलिए कांग्रेस द्वारा प्रस्तुत खण्डपीठ की सर्वसम्मत स्वीकृत संकल्प को अमलीजामा पहनाने का सुनहरा अवसर है, उसे इसी बजट सत्र में तीनों खण्डपीठों पर खर्च होने वाली राशि को या स्थापना व्यय की राशि स्वीकृत कर प्रदेश के दूरदराज में रहने वाले पक्षकारों को राहत पहुंचाने का एक क्रांतिकारी कदम उठाने का सुअवसर कांग्रेस को मिला है जिसे हाथ से जाने न दें। इस तरह बिलासपुर हाईकोर्ट में हजारों की संख्या में लम्बित प्रकरणों के शीघ्र निराकरण का मार्ग भी प्रशस्थ होगा।


