रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 7 मार्च। 92 प्रतिशत लोग बुखार से पीडि़त हैं, जबकि 86 प्रतिशत को खांसी, 27 प्रतिशत को सांस फूलने की समस्या और 16 प्रतिशत लोगों को घरघराहट हो रही है. इसके अलावा 16 प्रतिशत मरीजों में निमोनिया के लक्षण दिखे हैं, जबकि 6 प्रतिशत लोग ऐसे भी हैं, जिनको अस्थमा का दौरा पड़ा था. आईसीएमआर ने बताया है कि खांसी, मतली, उल्टी, गले में खराश, बुखार, शरीर में दर्द और दस्त इसके आम लक्षण हैं. संक्रमित मरीजों को तीन दिनों तक बुखार और तीन सप्ताह तक खांसी की समस्या रह सकती है।
किन लोगों को है ज्यादा खतरा?
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने सभी लोगों को गाइडलाइन का पालन करने की सलाह दी है और साथ ही 50 साल से ज्यादा व 15 साल से कम उम्र के लोगों का ज्यादा सावधान रहने को कहा है. आईएमए के अनुसार, 15 साल से कम और 50 साल से ज्यादा उम्र के लोग अधिक चपेट में आ रहे हैं. वायु प्रदूषण भी इसका एक कारक है, इसलिए डॉक्टर्स लोगों को मास्क लगाने की सलाह दे रहे हैं।
एंटीबायोटिक लेने से बचने की सलाह
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने किसी तरह की एंटीबायोटिक दवा लेने को लेकर चेतावनी दी और कहा है कि इसके लिए किसी तरह की एंटीबायोटिक की जरूरत नहीं है. आईएमए ने डॉक्टर्स को सलाह दी है कि वे सिर्फ बीमारी से जुड़ी दवाएं ही मरीज को दें. आईएमए ने कहा है कि लोग बीमार पडऩे के बाद लगातार ऐथरेसिन और एमोक्सिक्लेव जैसे एंटीबायोटिक्स लेना शुरू कर देते हैं और ठीक होने के बाद बंद कर देते हैं, लेकिन ऐसा करने से यह एंटीबायोटिक बाद में शरीर पर बेअसर हो जाता है. इसलिए, इसे लेने से बचना चाहिए।


