रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 1 मार्च। छोटे बजट सत्र को लेकर विपक्ष की आपत्ति और अवधि बढ़ाने की मांग पर सरकार और स्पीकर ने नया रास्ता अपनाया है। होली के बाद 13 से 23 मार्च तक सदन की कार्यवाही में लंच ब्रेक नहीं होगा और कार्यवाही शाम को 1.30 अधिक यानी 7 बजे तक चलेगी। इस तरह से करीब एक दिन की अवधि बढ़ी है।
कार्यमंत्रणा समिति की बैठक यह निर्णय लिया गया।सत्र के दौरान विभागीय बजट चर्चा का वक्त भी तय किया गया। जिसके तहत मंत्रियों को कई मंत्रियों को 2 घंटे और कुछ को 1 घंटे चर्चा का वक्त दिया गया।
इससे पहले 20 मिनट के अपने अभिभाषण में राज्यपाल ने कहा कि सरकारी नौकरी में हमारी सरकार ने स्ष्ट,स्ञ्ज को लाभ दिया है। स्वच्छता में छत्तीसगढ़ को देश का दूसरा अवार्ड मिला है। प्रधानमंत्री आवास योजना और मोर ज़मीन मोर मकान योजना के तहत प्रदेश तमाम लोगो को रहने को छत दी गई है। ऑनलाइन सट्टा और गैम्बलिंग के ख़िलाफ़ क़ानून बनाया गया। राम वन गमन पथ का निर्माण किया गया। मेरी सरकार ने देश के में नई आशा की किरण दी है। राज्यपाल ने सदन से गरिमा के अनुरूप व्यवहार करने का अनुरोध भी किया।
सरकार, को राज्यपाल पर विश्वास नहीं, अभिभाषण न पढ़ें
बजट सत्र की शुरुआत आज राज्यपाल के अभिभाषण के साथ हुई। इस दौरान विपक्ष ने जमकर टोका टोकी। राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने जैसे ही अपने संबोधन की शुरुआत की, विपक्ष ने ये कहकर सवाल उठा दिया कि राज्यपाल के अधिकारों के खिलाफ सरकार कोर्ट में गयी है, ऐसे में राज्यपाल को मान्यता दे रही है या नहीं। बृजमोहन अग्रवाल ने इस मद्दे को उठाया। उनके बाद विधायक शिवरतन शर्मा भी अपनी सीट से उठकर खड़े हो गये और बार-बार राज्य सरकार से इसे स्पष्ट करने की बात कहने लगे। विपक्ष बार-बार कहता रहा कि सरकार को स्पष्ट करना चाहिये कि वो राज्यपाल के अधिकारों के बारे में क्या कह रही है। राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान बार-बार विपक्ष अपनी सीटों से उठकर टोका टोकी करने लगा। राज्यपाल के इंग्लिश में दिये जा रहे संबोधन के बीच विपक्ष बार-बार ये भी कहता दिखा कि उन्हें ये बातें समझ नहीं आ रही है।


