रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 18 फरवरी। एनपीएस और ओपीएस के विकल्प को लेकर भ्रम की स्थिति हम एक लाइन में दूर कर रहे हैं। इस योजना पर काम कर रहे एक अपर संचालक पेंशन कोष लेखा के मुताबिक राज्य संवर्ग के जिन अधिकारी कर्मचारियों की नौकरी की अवधि 10 से कम है उनके लिए एनपीएस ही बेहतर विकल्प है। इन्हें ओपीएस का फायदा नहीं है। और 10 वर्ष से अधिक सेवा वाले ओपीएस पर जा सकते हैं। 10 वर्ष से कम वालों के एनपीएस की राशि एसआईपी की तरह हर साल लाभ देगी जो फंड में जमा होती रहेगी।
बता दें कि एनपीएस के तहत पेंशन राशि कुल जमा राशि और निवेश पर आए रिटर्न पर तय होती है।इसमें मूल वेतन और डीए का 10 फीसदी कर्मचारियों को मिलता है और इतना ही योगदान राज्य सरकार भी देती है. एनपीएस शेयर बाजार पर केंद्रित है और इसका भुगतान बाजार के अनुसार होता है. वहीं, पुरानी पेंशन व्यवस्था (ओपीएस) में कर्मचारी के रिटायर होने पर अंतिम माह में मिले वेतन की 50 फीसदी राशि उसे पेंशन के रूप में प्रतिमाह मिलती है. क्योंकि, पेंशन राशि को बेसिक सैलरी और महंगाई दर से तय किया जाता है। इस राशि का भुगतान सरकारी खजाने से किया जाता है।


