रायपुर

शिव की भक्ति में रमा शहर, दूध, शहद, धतुरा लेकर भोले को रिझाने भक्तों की मंदिरों में कतार
18-Feb-2023 3:46 PM
शिव की भक्ति में रमा शहर, दूध, शहद, धतुरा लेकर भोले को रिझाने भक्तों की मंदिरों में कतार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 18 फरवरी।
महाशिवरात्रि पर राजधानी के हटेकश्वर, बूढ़ेश्वर महोदव के साथ शहर के अलग-अलग शिवालयों में सुबह से शिवभक्तों की भीड़ देखी जा रही है। मंदिर परिसर में भक्तों की लंबी लाइन लगी रही। इस शिवरात्री राजधानी में पहली बार 10 से अधिक शिव मंदिरों में भोलेनाथ की बरात निकालने के लिए भक्तों उत्साह देखा गया। बरात में श्रद्धालु भोलेनाथ का रूप धरकर डमरू बजाते निकलेंगे। साथ में नंदी, देवी, देवता और भूत, प्रेत का रूप धारण कर श्रद्धालु शामिल हुए। शिव मंदिरों में सुबह 108 औषधियों, भस्म से अभिषेक और जलाभिषेक। शाम को भांग, धतूरा, चांदी के वर्क से श्रृंगार किया गया। आधी रात को महानिशीथ काल में विशेष पूजा-अर्चना, महाआरती और प्रसाद वितरण किया जाएगा।

इन मंदिरों में महापूजन: महादेवघाट स्थित हटकेश्वर महादेव, बूढ़ापारा के बूढ़ेश्वर मंदिर, शंकरनगर स्थित सुरेश्वर महादेवपीठ, कटोरातालाब के योगेश्वर महादेव, मोतीबाग के बैजनाथधाम, मठपारा और नहरपारा के नीलकंठेश्वर, रावांभाठा के बंजारी मंदिर, समता कालोनी के शिव हनुमान मंदिर, बूढ़ापारा के गणेश, शिव मंदिर, राजीवनगर के शिव मंदिर, प्रोफेसर कालोनी के अघोर पीठ श्रीराम सुमेरू मठ औघडऩाथ दरबार समेत 25 से अधिक शिव मंदिरों में हवन, पूजन, रुद्राभिषेक, महाभंडारा प्रसादी का आयोजन किया गया।

30 साल बाद ऐसा संयोग
पंडित कमल दुबे के अनुसार 18 फरवरी को फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि रात्रि 8.2 बजे तक है। इसके पश्चात चतुर्दशी तिथि है। शाम 5.40 बजे तक उत्तराषाढ़ा नक्षत्र और फिर चंद्र प्रधान श्रवण नक्षत्र है। चतुर्दशी और श्रवण नक्षत्र की युति पर शिवरात्रि मनाने का विधान है। उदयकालीन त्रयोदशी और रात्रिकाल की चतुर्दशी शिवरात्रि के लिए श्रेष्ठ मानी जाती है। इस साल 30 वर्ष बाद शनि के स्वग्रही सूर्य की युति में रहते उच्च के शुक्र और गुरु की श्रेष्ठ अवस्था है। यह दुर्लभ संयोग है। आज प्रदोष व्रत का योग है। प्रात:कालीन गोचर में सूर्य और चंद्र का लग्नस्थ होना और लग्नेश शनि का उच्चस्थ होकर लग्न में होना शुभदायी है।

12 तरह के पुष्प शिव को प्रिय
मन्दार, मालती, धतूरा , सिंदुवार ,अशोक ,मल्लिका , कुब्जक ,पाटल ,आंकड़े ,कदंब, लाल और नीला रंग का कमल।
 


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