रायपुर
चार सूत्रीय मांग पूरा न होने पर 28 से प्रदेशभर में आंदोलन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 17 फरवरी। प्रदेश के सरपंचों ने 15वें वित्त आयोग की राशि कटौती करने पर नाराजगी जताई है। इस कड़ी में उन्होंने पंचायत मंत्री को चार सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन भी दिया है। मांगे पूरी न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी गई है।
प्रदेश सरपंच संघ के अध्यक्ष गोपाल धीवर ने मीडिया से चर्चा में बताया कि पंचायतों के अधिकारों में कटौती की गई है। उन्होंने बताया कि पंचायतों को निर्माण कार्यों के संचालन के लिए 50 लाख तक के अधिकार प्रदान किए गए, लेकिन 5-10 लाख तक के कार्यों का भी टेंडर कर दिया गया है। जो कि ग्राम पंचायत को प्रदत्त अधिकारों का हनन है।
उन्होंने बताया कि 15 वें वित्त आयोग योजना की राशि के आबंटन में ग्राम पंचायत की राशि को कटौती कर 75, 15, और 10 कर दिया गया है, जिससे सरपंच ग्राम पंचायत के हितों की हानि हो रही है। ग्राम पंचायत को 15 वें वित्त आयोग योजनांतर्गत 100 फीसदी राशि प्राप्त होना चाहिए, और राशि क्रमश: प्रतिवर्ष वृद्धि होना चाहिए। जिससे ग्राम विकास हो सके।
सरपंच संघ के अध्यक्ष ने कहा कि मनरेगा के अंतर्गत कार्यों के संचालन के लिए अनुमेय कार्यों को कराने के लिए अलग- अलग जिलों में, अलग-अलग निर्देश दिए जा रहे हैं। जिला- बालोद में मिट्टी, मुरूम, सडक़ निर्माण, भूमि सुधार कार्य स्वीकृति नहीं किया जा रहा है। बड़ा तालाब गहरीकरण हेतु भी सिर्फ 10 लाख तक की स्वीकृति दिया जा रहा है, जिसमें प्लेन एरिया में श्रम मूलक कार्यों के संचालन में परेशानी हो रही है। उन्होंने आग्रह किया कि जिला स्तर से जारी निर्देश की बाध्यता को खत्म किया जाकर लंबित श्रम मूलक कार्यों की स्वीकृति प्रदान कराने की कृपा करेंगे।
ग्राम पंचायतों में निर्माण कार्य का मूल्यांकन पश्चात कन्टेनजेंसी राशि कटौती किया जाता है, जिससे सरपंचों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। उन्होंने आग्रह किया कि प्राकलन में कन्टेनजेंसी राशि को भी प्रावधानित किया जावे एवं कटौती की दर में भी कमी किया जाकर आदेश प्रसारित करने की कृपा करेंगे। उपरोक्त समस्याओं के निराकरण 28 फरवरी तक नहीं होने की दशा में आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा।


