रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 16 फरवरी। केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार के झगड़े में आज भी पुरानी पेंशन योजना एवं नवीन अंशदाई पेंशन योजना विवादों में हैं। कर्मचारियों से लिया जाने वाला शपथ पत्र कर्मचारियों के मौलिक अधिकारों का हनन है।राज्य सरकार पेंशन नहीं ब्याज को ही पेंशन मनवा रही है।
कर्मचारी नेता विजय कुमार झा ने कहा है कि केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार के झगड़े का फायदा एन एस डी एल कंपनी उठाकर कर्मचारियों के पैसे को शेयर मार्केट में हर माह डाल रही है। जमा राशि न केंद्र सरकार देगा, न राज्य सरकार देगा। एनएसडीएल कंपनी ऑनलाइन भुगतान करेगी। जिसमें मात्र 60त्न राशि ही मिलेगा। शेष 40त्न सावधि जमा में जमा कर उसी राशि से पेंशन का भुगतान होगा। श्री झा ने कहा है कि स्वतंत्र भारत में पहली बार शासकीय कर्मचारियों के खून पसीने की कमाई व उस पर मिलने वाले ब्याज को सरकार ने शेयर मार्केट में लगाने एनएसडीएल कंपनी को अनुबंध कर लिया। राज्य सरकार भी पेंशन देने की बात कर रही है। लेकिन एनपीएस में सेवानिवृत्त कर्मचारियों को जमा राशि का 60त्न ही प्राप्त होगा, शेष 40त्न से पेंशन का भुगतान होगा। पहली बार विकल्प में शपथ पत्र लेकर कर्मचारियों के मौलिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है। जिसमें कंडिका एक कर्मचारी सरकार से कोई अतिरिक्त वित्तीय दावा नहीं कर सकेगा। कंडिका दो एनपीएस में जमा शासकीय अंशदान एवं उस पर अर्जित लाभांश की राशि सेवानिवृत्ति, मृत्यु उपरांत अर्जित लाभांश को शासकीय कोष में जमा करना होगा। उसकी कमी राशि को उपादान, अवकाश नकदीकरण, समूह बीमा योजना, अंतर्गत जमा राशि से भुगतान करने का अनुबंध उल्लेखित किया गया है। कंडिका तीन में स्पष्ट उल्लेख है कि यदि अंशदायी नवीन पेंशन योजना की जमा राशि किसी कारणवश नहीं मिलेगा तो कर्मचारी कोई दावा नहीं करेगा। इसी प्रकार कंडिका 4 में 10 फीसदी अंशदान की कटौती 1 अप्रैल 22 से समाप्त होकर भविष्य निधि खाते में जमा किया जावेगा तथा वह राशि छत्तीसगढ़ शासन के खाते में जमा की जावेगी। कंडिका 5 किसी प्रकार की भ्रांति उत्पन्न होने पर पुरानी पेंशन योजना लागू करने संबंधी वित्त विभाग के दिशा निर्देश, स्पष्टीकरण कर्मचारी को मान्य होगा तथा कंडिका 6 यह शपथ पत्र में दिया गया विकल्प अंतिम व अपरिवर्तनीय होगा।
छत्तीसगढ़ शासन वित्त विभाग पूर्व में ही कर्मचारियों को पदोन्नति या वेतनमान के प्राप्त होने वाले नगर एरिया उसकी राशि को भी प्रतिबंधित कर शासकीय राजकोष में जमा रखा है। एरियस की राशि मृत्यु अथवा सेवानिवृत्ति पर ही भुगतान किया जा रहा है। श्री झा ने कहा है कि इन 6 कंडिका में दर्शित तथा उस पर शपथ पत्र कर्मचारी के लिए बंधन कारी होगा वह न्यायालय में दावा प्रस्तुत नहीं कर सकेगा। शेयर मार्केट में जमा राशि एक लाख से कम होगा तो संपूर्ण राशि का भुगतान होगा। 5 लाख से अधिक होने पर एनएसडीएल कंपनी सीधे कोषालय के माध्यम से मृत अथवा सेवानिवृत्त कर्मचारी को मात्र 60 फीसदी राशि भुगतान करेगा।


