रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 12 फरवरी। राजधानी रायपुर के कचहरी चौक स्थित सौ साल पुराने राष्ट्रीय विद्यालय में बीती शाम छात्र पुनर्मिलन और गुरूजन सम्मान समारोह का आयोजन किया गया, साल 2000 से लेकर 2004 तक के पुराने छात्रों के द्वारा आयोजित इस समारोह में वर्तमान-पूर्व प्राचार्य सहित नए-पुराने सभी शिक्षक, सपोर्टिंग स्टॉफ शामिल हुए।
इस मौके पर छात्रों ने ना केवल अपने स्कूली जीवन को याद किया बल्कि स्कूल और शिक्षकों से मिले गुरूज्ञान के जीवन में महत्व को भी साझा किया, बता दें कि राष्ट्रीय विद्यालय से पढक़र निकले छात्र-छात्राएं आज शासकीय-निजी क्षेत्रों में अपने कार्यों से लोहा मनवा रहे हैं तो वहीं प्रशासनिक, राजनीति, सामाजिक, मीडिया के क्षेत्र में अच्छी-खासी दखल रखे हुए हैं इतना ही नहीं यहां से निकले छात्र विदेशों में भी अपनी प्रतिभा बिखेर रहे हैं, बीस साल पुरानी बातों को याद करते हुए पूर्व प्राचार्य आर राजपूत और श्रीमती रमा वर्मा ने कहा कि शिक्षकों का जीवन और उनके द्वारा दिया गया ज्ञान तब सफल माना जाता है जब छात्र किसी मुकाम पर पहुंचकर घर-परिवार, स्कूल-समाज का नाम रौशन करता है।
इस आयोजन में शामिल दर्जनों छात्र-छात्राएं अपनी प्रतिभा से स्कूल का नाम देश-प्रदेश सहित विदेशों में भी रौशन कर रह हैं जो ना केवल सुकून देता है बल्कि गर्व की अनुभूति कराता हैं कि हमारे छात्र राज्यपाल और राष्ट्रपति सम्मान जैसे प्रतिष्ठित सम्मान से भी सम्मानित हो रहे हैं साथ ही यह भी कहा कि राष्ट्रीय स्कूल से पढकर निकले छात्र रेलवे जैसी बड़ी शासकीय संस्था में भी उच्च पदों पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं जो किसी भी नए छात्रों के लिए प्रेरणा का काम करता है, कार्यक्रम में पूर्व शिक्षक स्व. गालव शर्मा, स्वर्गीय श्रीमती प्रभा सोनी और छात्र विनय शर्मा, शंकर को याद करते हुए दो मिनट का मौन रखकर उनके परिजनों को श्रीफल, शॉल और प्रतीक चिन्ह सम्मान स्वरूप सौंपा गया।


