रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 12 फरवरी। कुलाधिपति सुश्री अनुसुईया उइके ने तकनीकी विश्वविद्यालय अधिनियम की धारा 37(6) के अन्तर्गत परिनियम 18 के धारा 1, 8, व 12 में संशोधन का अनुमोदन कर दिया है।
इसके अनुसार किसी भी महाविद्यालय को मान्यता लेने अथवा मान्यता जारी रखने के लिये निर्धारित आवेदन के पूर्व विश्वविद्यालय को देय बकाया राशि का भुगतान करना होगा। इसी प्रकार पिछले दो या दो से अधिक वर्षो में जिन संस्थानों के द्वारा सुचारू संचालन के लिए कमियों को दूर नहीं किया गया है, उन्हें दंडित किया जायेगा तथा दण्ड का निर्धारण कार्य परिषद निर्धारित करेगा। इसके साथ ही विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त सभी संस्थानों में विश्वविद्यालय के परिनियम 19 के अंतर्गत स्वीकृत कुल कैडर के 60 फीसदी फैकल्टी/शिक्षक अनिवार्य रूप उपलब्ध से होने चाहिये। उक्त 60 फीसदी की बाध्यता को कार्य परिषद आवश्यकता के अनुरूप बढ़ा सकता है।


