रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 11 फरवरी। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने गुरुवार को सुनाये अपने फैसले में नागरिक आपूर्ति निगम के खिलाफ आदेश जारी कर निविदाकार को 7.26 करोड़ की अमानत राशि वापस करने का निर्देश दिया है।
नागरिक आपूर्ति निगम ने निविदा 7 फरवरी 22 को वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए चना क्रय हेतु 4 निविदा जारी कि थी जिसमें अंबे इंडस्ट्रीस ने भाग लिया था और दो निविदाओं में 4. 45 करोड़ एवं 2.81 करोड़ कुल 7.26 करोड़ रुपय अमानत राशि के रूप में जमा किया था। निविदाएं 9 मार्च को खुली और जब 30 मार्च तक बिड स्वीकार नहीं की गयी तब निविदाकार ने 31 मार्च को अपना ऑफर वापस ले लिया। नागरिक आपूर्ति निगम ने उसके बाद बिड स्वीकार कर निविदाकार को अनुबंध करने का निर्देश दिया। अनुबंध नहीं करने पे निविदाकार की अमानत राशि जब्त कर ली गयी जिसके विरुद्ध निविदाकार ने अपने अधिवक्ता अपूर्व गोयल के जरिये रिट याचिका दायर कर छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।
जस्टिस अरूप कुमार गोस्वामी जस्टिस और अरविंद सिंह चंदेल की डिवीजन बेंच ने प्रकरण की सुनवाई के बाद अंबे इंडस्ट्रीस की रिट याचिका स्वीकार किया। हाई कोर्ट ने सभी तथ्यो का निरक्षण किया एवं आदेश पारित किया कि नागरिक आपूर्ति निगम का कृत्य पूरी तरीके से ग़लत है एवं अंबे इंडस्ट्रीस द्वारा जमा किया हुआ बयाना राशि 30 दिन के अंदर वापस करे।
उच्च न्यायालय ने पाया कि यदि कोई प्रस्ताव स्वीकार किए जाने से पहले वापस ले लिया जाता है तो ईएमडी स्वत: जब्त नहीं किया जाएगा। साथ ही कोर्ट ने नागरिक आपूर्ति निगम के उस आदेश को भी निरस्त किया जिसमें उन्होंने अंबे इंडस्ट्रीस को 3 साल के लिए ब्लैकलिस्ट किया था।


