रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 8 फरवरी। पुरानी पेंशन की घोषणा होने से प्रदेश के शिक्षक जिस खुशी का अनुभव कर रहे थे वह अब राजपत्र पत्र में जारी नियमावली को पढऩे से काफूर हो गई है। जारी नियम व शर्तें इनके समक्ष कई आशंकाओं को जन्म दे रही है! शिक्षाकर्मी के रूप में प्रथम नियुक्ति तिथि से पेंशन की गणना का ठोस प्रावधान होना आवश्यक है । इसके अभाव में समस्त संविलियन शिक्षक समुदाय उलझन का शिकार है कि उसके लिए अब हृक्कस् सही रहेगा या फिर ह्रक्कस्..?
छ्ग शालेय शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने सचिव वित्त और संचालक पेंशन को एक पत्र लिखकर मांग की है कि सबसे पहले तो एनपीएस, ओपीएस की सहमति-असहमति शपथपत्र भरने की मियाद को मार्च 2023 तक बढ़ाया जाना चाहिए। यह एक कर्मचारी के भविष्य का संवेदनशील मामला है,जिसका जल्दबाजी में निर्णय नही लिया जा सकता। मन मे उठने वाली समस्त उलझनों और आशंकाओं का समाधान होना आवश्यक है,इसके लिए जरूरी है कि विभाग पहले राज्य,जिला व ब्लाक स्तर पर कार्यशालाओं का आयोजन करे और समस्त भ्रम का निराकरण करे।अत: विभिन्न जगहों पर कई ट्रेजरी व डीडीओके द्वारा जो जल्दबाजी करते हुए 20 या 24 फरवरी तक शपथपत्र भरने का जो दबाव बनाया जा रहा है उसे रोका जाए और इसके लिए आगे और 1माह का समय दिया जाए।
शालेय शिक्षक संघ के प्रदेश महासचिव धर्मेश शर्मा व प्रदेश मीडिया प्रभारी जितेंद्र शर्मा ने प्रदेश के समस्त शिक्षकों से अपील किया है कि इस शपथपत्र को भरने के लिए कोई हड़बड़ी न दिखायें, सोचसमझकर ही इसे भरना होगा,क्योंकि विकल्प चयन अपरिवर्तनीय है। संगठन शासन से इस भ्रम की स्थिति को दूर करने विभाग से कार्यशाला आयोजित करने की मांग कर रही है।
शपथपत्र की मियाद मार्च 2023 तक बढऩे तथा कार्यशालाओं के आयोजन की मांग करने वालो में छत्तीसगढ़ शालेय शिक्षक संघ के समस्त प्रान्त,जिला,ब्लाक पदाधिकारियों व संविलियन प्राप्त शिक्षकों ने की है।


