रायपुर
स्थानीय को प्राथमिकता दी जाए
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 8 फरवरी। रविशंकर विश्वविद्यालय के नये कुलपति के चयन प्रक्रिया को लेकर पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने कुलाधिपति को पत्र लिखा है। बीते चार वर्षों में मरकाम ने पहली बार ऐसा कदम उठाया है। यहां तक कि उनके अपने बस्तर विश्वविद्यालय के लिए कुलपति चयन को लेकर ऐसा कोई कदम नहीं उठाया था। कांग्रेस के खेमे में इसे एक नये अर्थ में देखा जा रहा है। बहरहाल मरकाम ने सुश्री अनुसुइया उइके से कहा है कि कुलपति चयन में स्थानीय प्राध्यापक को प्राथमिकता दी जाए।
मरकाम ने लिखा है कि कुलपति चयन समिति का गठन किया गया है। चयनित समिति संभवत: इसी माह ही नये कुलपति के नाम की सिफारिश कर सकती है। इस परिपेक्ष्य में उल्लेख है कि छत्तीसगढ़ एवं छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय स्तर के प्रतिभावान प्राध्यापक उपलब्ध हैं, जो कि न केवल प्रदेश अपितु राष्ट्रीय स्तर पर अपनी सेवायें दे रहे हैं।
यही नहीं यहाँ के प्रतिभावान विद्वत प्राध्यापक के शोध एवं प्रोजेक्ट्स अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्य किये गए हैं. ऐसी स्थिति में यह उचित होगा कि कुलपति नियुक्ति में स्थानीय प्रतिभावान प्राध्यापकों को प्राथमिकता दी जाये। चूंकि स्थानीय प्राध्यापक छत्तीसगढ़ के भौगोलिक, सामाजिक विज्ञान एवं शैक्षणिक स्तर यहां के छात्रों की प्रतिभा से भी भलीभाँति परिचित हैं।
अत: पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में स्थानीय प्राध्यापकों को नियुक्ति में आपके मार्गदर्शन से प्राथमिकता देते हुए न केवल विश्वविद्यालय के शैक्षणिक एवं शोध विकास को प्राथमिकता मिलेगी, अपितु यहाँ से उपाधि प्राप्त करने वाले छात्र राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का परिचय देंगे। यहां यह बताना प्रासंगिक होगा कि रविशंकर विश्वविद्यालय में स्थानीय कुलपति की नियुक्ति का ही परिणाम है कि विश्वविद्यालय में बेसिक साइंस सेन्टर की स्थापना की गई है, जिसमें विज्ञान के स्नातक स्तर का अध्ययन होता है।
आपको प्रसन्नता होगी कि यहाँ के छात्र विश्व स्तरीय नासा जैसे शोध संस्थान में अपनी प्रतिभा का परिचय दे चुके हैं, वहीं एनसीएनआर जैसे शोध संस्थान की स्थापना की गई है, जिसके माध्यम से छत्तीसगढ़ के प्राकृतिक संसाधनों पर शोध के कार्य चल रहे हैं। यह भी कि इस विश्वविद्यालय के 10 प्राध्यापक अब तक विश्वविद्यालय एवं प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर पर चयनित हो चुके हैं।


