रायपुर

पूर्व आईएएस टी. राधाकृष्णन की बेच दी जमीन, 420 का मामला दर्ज
08-Feb-2023 3:26 PM
पूर्व आईएएस टी. राधाकृष्णन की बेच दी जमीन, 420 का मामला दर्ज

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 8 फरवरी।
पूर्व आईएएस अधिकारी टी. राधाकृष्णन से लाखों रूपए की धोखाधड़ी की। सिविल लाइंस पुलिस के मुताबिक
 श्रीमती प्रत्यूष सिंह, लक्ष्मण सिंह , अरूण सिंह , श्रीमती वृंदा देवी समेत अन्य आरोपियों ने , राधाकृष्णन की हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी धरमपुरा  स्थित प्लांट नं 173 को 24 लाख 32500 रू में सौदा किया। इसे 14 दिसंबर -22 को प्रोफेसर कालोनी निवासी शिव पटेल,कचरू पटेल को बेच दिया। इसकी उप पंजीयक कार्यालय रायपुर में उस दिन शाम 5.55 बजे रजिस्ट्री भी करा दी। प्रत्युष सिंह और अन्य आरोपियों ने 349971 रूपए देकर शेष रकम डकार ली। इस पर शिव पटेल की रिपोर्ट पर पुलिस ने धारा 420,34 का अपराध दर्ज किया है। सभी आरोपी पकड़ से बाहर हैं। अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि जमीन की बिक्री राधाकृष्णन की सहमति से की गई या माफिया ने बेच दिया।

पटवारी नक्शे में गड़बड़ी, किसानों की जमीन पर भू-माफिया का कब्जा
इधर सड्डू में पटवारी नक्शे में गड़बड़ी का मामला सामने आया है। इलाके के पुराने बदमाश व आपराधिक प्रवृति के व्यक्तियों के साथ मिल किसान तफज्जुल व अब्बास हुसैन को धमका रहे है ।
स्थल निरीक्षण प्रतिवेदन में यह पाया गया की सग्गू अपने स्वामित्व की राजस्व अभिलेखों में दर्ज भूमि से दोगुनी जमीन पर कब्जा करने का प्रयास कर रहा है जो किसान तफज्जुल हुसैन की है।

इस पर जब तफज्जुल ने मौके को घेरकर अपना तार घेरा करवाया तो सग्गू ने आपराधिक तत्वों के साथ मिल उसे बलपूर्वक बिना किसी अधिकार के तोडऩे की कोशिश की गई।  किसान से गाली-गलोच कर उसे जान से मारने की धमकी भी दी जिसकी शिकायत रायपुर एसएसपी प्रशांत अग्रवाल से की गई। जिसके बाद पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। पुलिस प्रशासन की ओर से अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई। नतीजा ये हो रहा है की सग्गू अपने समाज बंधुओ के बीच झूठी व भ्रामक जानकारी फैलाकर किसान को डरा रहे है।

किसान तफज्जुल हुसैन ने कहा की खसरा न. 7/6 उसकी पुश्तैनी जमीन है, जिसका रकबा 2.798 हेक्टेयर है जो सग्गू जैसे भूमाफियो ने कब्ज़ा करने का प्रयास कर रहे है। फिलहाल मामला जिलाधीश न्यायालय में विचाराधीन होने के बावजूद न्यायालय के आदेश की अवहेलना करते हुए सग्गू द्वारा किए जा रहे कृत्य साफ दर्शाता है कि तत्कालीन राजस्व अधिकारियों की सांठ–गांठ से पटवारी नक्शे में की गई गड़बड़ी का फायदा उठाकर किसान की जमीन को दबाने का कार्य सग्गू व उनके साथी कर रहे है।


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