रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 11 जनवरी। छत्तीसगढ़ पंचायत शिक्षक अनुकंपा नियुक्ति कल्याण संघ के अनिश्चितकालीन आंदोलन के 84 वें दिन जिला प्रशासन ने सरकार की चाटुकारिता करते हुए बगैर अनुमति के अवैधानिक रूप से धरना देने, आत्महत्या का प्रयास करने, के साथ ही सरकार के खिलाफ अनर्गल नारेबाजी व वक्तव्य जारी करने का आरोप लगाते हुए धरना स्थल को खाली करने का नोटिस दिया है। प्रदेश में 47 साल पूर्व लागू आपातकाल की याद कर्मचारी संगठनों को आने लगी है।
इस नोटिस के बाद आंदोलनकारियों में और व्यापक आक्रोश व्याप्त हो गया है। आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हूंपेंडी ने भी प्रशासनिक दादागिरी को लोकतंत्र की हत्या निरूपित किया है। यही मांग आप के प्रवक्ता मुन्ना बिसेन, सूरज उपाध्याय, दुर्गा झा, सागर क्षीरसागर आदि ने भी की है।
शिक्षक पंचायत अनुकंपा नियुक्ति कल्याण संघ के प्रदेश अध्यक्ष माधुरी मृगे तथा प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के संरक्षक विजय कुमार झा ने कहा है कि 84 दिन तक बरसते पानी, तेज गर्मी, 11 डिग्री तापमान में खुले आसमान में रात बिताने व मच्छर काटने जैसी स्थिति पर भी गांधीवादी तरीके से शांतिप्रिय आंदोलन किया जा रहा है। आंदोलन के लोकतांत्रिक अधिकार को जिला प्रशासन कुचलने का प्रयास कर रही है। सरकार अपने चुनावी घोषणा पत्र में किए गए वादे को पूरा करते हुए, योग्यता के अनुरूप प्रदेश में रिक्त शासकीय सेवकों के पदों पर नियुक्ति दे। इसी प्रकार तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष जी आर चंद्रा, संरक्षक अजय तिवारी, संभागीय अध्यक्ष संजय शर्मा, आलोक जाधव, सी एल दुबे, बी पी कुरील प्रकाश सिंह ठाकुर, आदि ने मुख्यमंत्री से की है।


