रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 11 जनवरी। राज्य शासन ने सुंदरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय बिलासपुर के लिए आठ पदों की भर्ती की मंजूरी दी है। वहीं प्रदेश के 60 विधायकों ने उच्चशिक्षा मंत्री,मुख्यमुत्री को पत्र लिखकर विश्वविद्यालय में कार्यरत 260 से अधिक मानसेवी कर्मियों को नियुक्त करने कहा है। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा स्वीकृत पदों की भर्ती को लेकर खींचतान भी शुरू हो गई है। मंत्रालय से लेकर विश्वविद्यालय तक अधिकारी अपने चहेतों की नियुक्ति के लिए जोड़ तोड़ में जुट गए है। विभाग के एक आईएएस अपने मातहत कर्मचारी की नियुक्ति चाहते हैं। यह कर्मचारी न तो संविदा,न कलेक्टर दर वर्ग का कर्मचारी है। विवि के सूत्रों ने बताया कि दरअसल आठ पदों की स्वीकृती की सारी कवायद,इस एक कर्मचारी के लिए की गई थी। इस कर्मचारी को सिस्टम एनालिस्ट के पद पर नियुक्ति देने की तैयारी है। पूर्व में एनआई सी के प्रोजेक्ट में कार्यरत यह कर्मचारी,अफसर के निजी स्थापना में कार्यरत हैं। अब तक उसे,वेतन किस मद से दिया जाता रहा है। यह अफसर ही जानते हैं। बिना किसी स्थाई पद,यह कर्मचारी कार्यरत है। विश्वविद्यालय के सूत्रों ने बताया कि फिलहाल,पद विज्ञपित किए जाए या नहीं,इसे लेकर विभाग- विश्वविद्यालय के अफसरों के बीच द्वंद चल रहा है। विज्ञपित होने पर सैकड़ो दावेदार होंगे और उनमें से इस कर्मचारी का चयन कठिन हो सकता है। ऐसे में विभागीय अफसर, विवि से सामंजस्य बनाने का प्रयास कर रहे हैं।
विवि में कुलपति और कुल सचिव की खींचतान सर्वविदित हैं। ऐसे में संकट गहरा और गहरा सकता है। दूसरी ओर विवि में कार्यरत 260 मानसेवी कर्मचारी भी अपने नियमितीकरण के लिए दबाव बनाए हुए है। मानसेवी के नियमितीकरण का प्रावधान किसी भी भर्ती नियम में न होने से विवि प्रशासन असमर्थता जता रहा है। इन कर्मियों के पक्ष में कांग्रेस के 71 में से 60 विधायकों ने सीएम भूपेश बघेल को पत्र लिखा है।
श्रम विभाग में हो चुकी है ऐसी ही नियुक्ति
ऐसी ही एक नियुक्ति भाजपा शासन काल में श्रम सचिव रहे बीएल अग्रवाल (बर्खास्त आईएएस )ने की थी। उनके निजी स्थापना मं कार्यरत एक कर्मचारी के लिए श्रमायुक्त कार्यालय का सेटअप स्वीकृत भी, उसे नियुक्ति दी गई है। यह कर्मचारी भी श्रम सचिव के निजी स्थापना में कहां से आया किसी को ज्ञात नहीं।


