रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 16 दिसंबर। भाजयुमो की कमान संभाले रायगढ़ के आदिवासी युवा नेता रवि भगत को तीन माह पूरे हो गए हैं। उनकी नियुक्ति 12 सितंबर को, अमित साहू के स्थान पर की गई थी। साहू ने भी अपनी कार्यकारिणी बनाने में महीनों की देरी की थी। इन दिनों में भाजयुमो की गतिविधियां एकाएक ठंडी पड़ गई है। हालांकि इस दौरान युवा मोर्चा ने भाजपा और अन्य संगठनों के प्रदर्शन, आंदोलनों में हिस्सेदारी निभाता रहा है।
संगठन सूत्रों ने बताया कि भगत अपनी टीम बनाने की कवायद पूरी कर ली है। इतना ही नहीं गुरुवार को घोषणा की भी तैयारी थी। फिर क्यों नहीं कर पाए,इसे लेकर की तरह की अटकलें संगठन के युवा नेता लगा रहे हैं। सूत्रों ने यह भी बताया कि भगत को, क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अरूण जामवाल और प्रदेश महामंत्री पवन साय ने आज रायगढ़ बुला लिया। समझा जा रहा है कि क्या रवि भगत,इन दोनों की सहमति लिए या चर्चा किए बिना अपनी टीम बना रहे थे? इसकी सूचना मिलते ही संगठन मंत्रियों ने तलब किया था। बताया गया कि रवि भगत, राजधानी के दो दिग्गज नेताओं के समर्थकों से घिर गए हैं, इसलिए टीम में कोई बड़े बदलाव की उम्मीद नहीं की जा रही है। वे किसे हटाएं किसे नहीं ये उलझन में पड़ गए हैं। अब देखना यह है कि रविभगत कितने नए चेहरों को मौका देते हैं। कहा जा रहा है कि टीम - भगत के गठन में कुछ और देरी हो सकती है। वैसे बता दें कि रवि की संगठन के उच्च स्तर पर भी खासी पकड़ है। वे एबीवीपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में पदधारी और आदिवासी संगठन में भी स्थान रखते हैं।


