रायपुर

एक्सिस बैंक ने गबन के 30 करोड़ मंडी बोर्ड को लौटाए
12-Dec-2022 4:15 PM
एक्सिस बैंक ने गबन के 30 करोड़ मंडी बोर्ड को लौटाए

 बोर्ड ने भी सारे एकांउट बंद किए 

 बोर्ड अफसर-कर्मियों की भूमिका पर परस्पर दावे-प्रतिदावे 

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 12 दिसम्बर।
एक्सिस बैंक मुजगाहन ब्रांच में हुए विथड्राल घोटाले के बाद बैंक ने मंडी बोर्ड को पूरी 30 करोड़ की रकम मय ब्याज लौटा दी है। और मंड़ी बोर्ड प्रबंधन ने  अपने खाते एक्सिस बैंक से बंद कर राष्ट्रीयकृत बैंक में खोल लिया है।
एक्सिस बैंक की मुजगाहन शाखा में मंडी बोर्ड के फिक्सड और करंट एकाउंट मिलाकर 30 करोड़ जमा थे। ये एकाउंट सालों से चल रहे थे। इस वर्ष केे  शुरू में एक्सिस बैंक से 16 करोड़ रूपए गबन होने का मामला उजागर हुआ था। यह राशि बैंक मैनेजर और एक-दो कर्मियों ने अन्य लोगों से मिलकर रायपुर समेत देश के कई शहरों से विथड्राल किये थे। इस मामले में पुलिस ने अब तक 10 से अधिक लोगों को गिरफतार किया है। इनसे 4 करोड़ से अधिक की रकम बरामद भी की गई है। पुलिस के मुताबिक अभी 4-5 नामजद आरोपी और हैं, जिन्हें पकड़ा जाना है। जब कि अभी पूरे ट्रंाजेक् शन का खुलासा नहीं हो पाया है। इसमें भी कई और संलिप्त होंगे। इस घोटाने में मंडी बोर्उ की संलिप्तता को लेकर भी जांच चल रही है। हालांकि पुलिस को अभी ठोस सबूत नहीं मिले है। सूत्रों ने कहा कि यह दो तरफ (बैंक और बोर्ड )घोटाला है। जिसमें मंडी बोर्ड के लोग भी इन्वाल्व है। लेकिन अब तक कोई जांच या कार्रवाई नहीं की गई है। सूत्र यह प्रश्र उठा रहे हैं कि जब एकांडट से 4-5 किश्तों में 16 करोड़ निकाने गए तब मंडी बोर्ड प्रबंधन ने क्लेम क्यों नहीं किया। बौर्ड की तरफ से किासी  ने भी इतने बड़े विथड्राल पर आपत्ति या बैंक से पूछताछ नहीं की सो आरोपियों के हौसले बढ़ते गए और इतनी बड़ी रकम निकाल ले गए। इसी तरह यह भी कहा जा रहा है कि जब शासकीय विभागों,उपक्रमों को वित्त विभाग से निर्देश जारी किए जाते हैं। कि निजी बैंकों में एफडी न करें  तो फिर मंडी बोर्ड ने किसके आदेश पर एक्सिस बैंक में चासता क्यों खोला वह भी राजधानी से दूर ग्रामीण शाखा में यह फैसला करने वाले अफ्सरों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की जा सकी है।

पुलिस वाले मंडी बोर्उ के एक-एक अधिकारी कर्मचारियों की हैडराइटिंग एक्सपर्ट से हस्ताक्षरों का परिक्षण कराया था। इनमें से किसी का मिलान नहीं हुआ यानी डिपाजिटर और विथड्राल दोनों के हस्ताक्षर अलग-अलग हैं। उधर मंडी बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि बोर्ड को, बैंक प्रबंधन ने करंट, एफडी एकाउंट की सारी रकम 30 करोड़ रूपए रिपेेमेंट कर दिया है। वह भी मय ब्याज। इस गबन घोटाने में बैंक कर्मियों की ही संलिप्तता रही है।, पुलिस पूछताछ में बैंक मैनेजर ने भी यही बयान दिया था। बोर्ड ने अपने सभी खाते बेद कर, एक राष्ट्रीयकृत बैंक में खोल दिए है।
 


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