रायपुर

आंध्र ब्राह्मण समाज की नृत्यरागिनी में दिखी कला साधकों की प्रतिभा
17-Oct-2022 10:26 AM
आंध्र ब्राह्मण समाज की  नृत्यरागिनी में दिखी कला साधकों की प्रतिभा

रायपुर, 17 अक्टूबर। आंध्र ब्राह्मण समाज छत्तीसगढ़, भारतीय शास्त्रीय नृत्य एवं लोक नृत्य प्रतियोगिता (ओपन)  रविवार को बालाजी स्कूल देवेंद्र नगर में आयोजित की गई । 
इस प्रतियोगिता में विभिन्न नाट्य विधाओं की ऑनलाइन एंट्री मंगवाई गई थी जिसमे कुल 85 प्रतिभागियों ने अपने डांस के वीडियो भेजे थे जिसमे करीब 45 प्रस्तुतियों को हमारे चयनकर्ताओं द्वारा स्टेज प्रस्तुति हेतु चयन किया।  और  हर विधा में विजेता कलाकारों को पुरस्कृत किया गया।                   
                                 
1. भारतनाट्यम नृत्य विधा जूनियर वर्ग में प्रथम स्थान कु के लक्ष्मी सत्यसाई जो कि 4 वर्ष की (विशाखापट्टनम) से आई थी और द्वितीय स्थान कु के अंजली रही।
 सीनियर वर्ग में प्रथम स्थान  श्री केसरी बाघ जो भिलाई से आए थे और द्वितीय स्थान कु जी सत्य साई रही.  

2. कुचिपुड़ी नृत्य विधा जूनियर वर्ग में प्रथम स्थान  कु जानवी सोनी और द्वितीय स्थान कु दिव्यांशी साहू रही सीनियर वर्ग में प्रथम स्थान कु एस पावनी और द्वितीय स्थान कुपी पूर्णिमा रही।

3.  कत्थक नृत्य विधा जूनियर वर्ग में  प्रथम स्थान  कु बाशा दुबे रही जो 5 वर्ष की है और द्वितीय स्थान कु पहल काबरा रही।
 सीनियर वर्ग में प्रथम स्थान  कु वंशिका गुप्ता और द्वितीय स्थान  कु जाह्नवी केडिया रही

4. लोक नृत्य विधा प्रथम स्थान  वीजेके ग्रुप एवं द्वितीय स्थान ओम डांस ग्रुप रहा। 

5. ओडिसी नृत्य विधा में प्रथमस्थान  कु कुंती देवी ने अर्जित किया।
     
विजेता प्रतिभागियों को निर्णायकों के सम्मुख समाज के वरिष्ठजनों के द्वारा शील्ड और प्रशाति पत्र प्रदान किया गया और शेष सभी प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट एवं मोमेंटो प्रदान किया गया।

ये प्रतिभागी सभी वर्गों और छत्तीसगढ़ प्रांत एवं अन्य राज्यों से इस प्रतियोगिता में भाग लिए।

संस्कारधानी रायपुर में इस तरह के आयोजन बहुत कम होते है । आंध्र ब्राह्मण समाज ने अपनी कला और संस्कृति को बढ़ावा देने और कलाकारों को प्रोत्साहित करने हेतु इस कार्यक्रम का आयोजन किया।

इस नृत्य प्रतियोगिता में उपस्थित सभी दर्शकों और प्रतिभागियों के पालकों को यह कार्यक्रम बहुत पसंद आया।

इस आयोजन में समिति के  आर मुरली, श्रीमती संध्या राज, श्रीमती एम वरलक्ष्मी और श्रीमती ए श्रीदेवी का विशेष योगदान रहा है।


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