रायपुर

लीज रद्द करने सरकार को पत्र
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 12 अक्टूबर। आरडीए सिटी सेंटर मॉल का अपना हिस्सा बेचने जा रहा है। इससे करीब 30 करोड़ से अधिक की राशि मिलने का अनुमान है। यही नहीं, आरडीए ने सरकार से पंडरी के हाट बाजार की लीज खत्म कर वापस लौटाने का आग्रह किया है।
आरडीए ने कर्ज मुक्त होने के लिए कई योजनाओं पर काम कर रहा है। इसके लिए पंडरी स्थित सिटी सेंटर मॉल का अपना हिस्सा बेचने का फैसला लिया है। पंडरी सिटी सेंटर मॉल के दो फ्लोर में आरडीए की कुल 39 हजार वर्गफीट जमीन है। मॉल बिक चुका है, लेकिन आरडीए का अपना हिस्सा खाली पड़ा है।
बताया गया कि आरडीए संचालक मंडल ने अपने हिस्से को बेचने का फैसला लिया है। इसका मूल्यांकन किया गया था। आरडीए के मूल्यांकनकर्ताओं ने दोनों फ्लोर की जमीन की कुल कीमत 36 करोड़ आंकी थी, लेकिन एक निजी मूल्यांकनकर्ता ने 26 करोड़ आंकी है। मंडल ने एक और मूल्यांकनकर्ता से आंकलन कराने का फैसला लिया है, और इसके बाद जमीन बेचने के लिए टेंडर जारी किए जाएंगे। इससे 30 करोड़ से अधिक मिलने का अनुमान है।
आरडीए ने पंडरी स्थित खादी ग्रामोद्योग के हाट बाजार जमीन को वापस लेने का भी फैसला लिया है। यह जमीन आरडीए ने 2002 में खादी ग्रामोद्योग को लीज पर दी थी। तब आरडीए का नगर निगम में विलय हो गया था। आरडीए संचालक मंडल की सहमति के बाद लीज खत्म कर जमीन लौटाने के लिए राज्य शासन को पत्र लिखा गया है।
पत्र में आरडीए ने यह भी प्रस्ताव दिया है कि खादी ग्रामोद्योग को सिटी सेंटर मॉल में अपने हिस्से की जमीन में से दुकान के लिए जगह उपलब्ध करा सकता है, और बाकी हिस्सा बेचेगा। आरडीए ने पंडरी के शिल्प बाजार को व्यावसायिक परिसर के रूप में विकसित करने की योजना भी बनाई है, ताकि इससे आरडीए की आमदनी बढ़े, और कर्ज मुक्त हो पाए।
दीवाली के बाद इंदौर जाएंगेआरडीए संचालक
आरडीए को अपनी व्यावसायिक और आवासीय योजनाओं के लिए जमीन नहीं मिल पा रही है। ऐसे में इंदौर की तरह नगर निवेश क्षेत्र में आवासीय, और व्यावसायिक योजना तैयार करने के लिए पहल की है। दीवाली के बाद आरडीए के संचालक मंडल इंदौर जाएंगे, और वहां के प्राधिकरण की योजनाओं का जायजा लेंगे।
आरडीए के अध्यक्ष सुभाष धुप्पड़, और उपाध्यक्ष सूर्यमणि मिश्रा, और शिव सिंह ठाकुर ने बोर्ड के संचालकों के साथ योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए जमीन की उपलब्धता की कमी पर विस्तार से चर्चा हुई। आरडीए को रायपुर निवेश क्षेत्र में ही जमीन मिल सकती है, लेकिन यहां जमीन बहुत कम है। जब तक नया मास्टर प्लान लागू नहीं हो जाता, आरडीए नई योजनाएं शुरू नहीं कर सकता है। ऐसे में आरडीए ने इंदौर विकास प्राधिकरण की तर्ज पर नई योजनाओं को अमलीजामा पहनाने का लक्ष्य रखा है। इंदौर प्राधिकरण सरकारी अथवा नजूल व छोटी-छोटी निजी जमीन को लेकर आवासीय-व्यावसायिक योजनाएं चला रहा है। प्राधिकरण बेहतर ढंग से चल रहा है। प्राधिकरण के कामकाज के तौर तरीकों की जानकारी लेने दीवाली के बाद अध्यक्ष, दोनों उपाध्यक्ष व संचालक इंदौर जाएंगे, और कामकाज का जायजा लेंगे।