रायपुर

छह माह में 8 हजार करोड़ की ही जीएसटी वसूली हो पाई, 1.74 लाख पंजीकृत कारोबारी समय पर नहीं पटाते टैक्स
09-Oct-2022 2:59 PM
छह माह में 8 हजार करोड़ की ही जीएसटी वसूली हो पाई, 1.74 लाख पंजीकृत कारोबारी समय पर नहीं पटाते टैक्स

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 9 अक्टूबर। 
चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 में प्रदेश में 16 हजार करोड़ रूपए के कर संग्रहण का लक्ष्य है। विभाग द्वारा इस साल इन छ: महीने में आठ हजार करोड़ रूपए से अधिक का कर संग्रहण किया जा चुका है। उन्होंने विगत जुलाई, अगस्त और सितम्बर के कर संग्रहण पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि पिछले वर्ष की तुलना में इस बार राजस्व संग्रहण गंभीर रूप से प्रभावित हुआ है।  इस संबंध में वाणिज्यिक कर (जीएसटी) आयुक्त भीम सिंह ने राज्य में कर राजस्व बढ़ाने छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज, आयरन एंड स्टील निर्माता व्यवसायी संघ, सीमेंट निर्माता व्यवसायी संघ तथा फ्लोर मिल संघ के अध्यक्षों और सदस्यों के साथ बैठक की।

छत्तीसगढ़ में जीएसटी के अंतर्गत कुल एक लाख 74 हजार व्यवसाई पंजीकृत हैं। इनमें पांच करोड़ रूपए से अधिक टर्न ओव्हर वाले व्यवसाइयों की संख्या 13 हजार 300 है। कंपोजिशन वाले व्यवसाइयों की संख्या 34 हजार है। प्रदेश में मासिक विवरण पत्र प्रस्तुत करने वाले व्यवसाई 75 हजार 600 हैं। छत्तीसगढ़ में प्रति एक लाख जनसंख्या के पीछे 601 व्यवसाई हैं, जबकि पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश में यह 638 है।

श्री सिंह ने छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज तथा निर्माता व्यवसायी संघों के पदाधिकारियों से कहा कि जीएसटी प्रणाली में पांच वर्ष तक क्षतिपूर्ति देने का प्रावधान बंद होने से राज्य को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए कर राजस्व बढ़ाना आवश्यक हो गया है, जिससे राज्य में जनहित के और विकास कार्यों को सुचारू रूप से संचालित किया जा सके। वाणिज्यिक कर आयुक्त ने कहा कि अन्य राज्यों की तुलना में छत्तीसगढ़ में पंजीकृत व्यवसाइयों की संख्या कम है। इसे बढ़ाए जाने की जरूरत है, जिससे कर आधार मजबूत होगा। प्रदेश में अभी एक लाख 74 हजार पंजीकृत व्यवसाई हैं। लेकिन निर्धारित समय-सीमा में व्यवसाइयों द्वारा कर एवं विवरण पत्र जमा नहीं करने से लक्ष्य के अनुरूप राजस्व समय पर विभाग को प्राप्त नहीं होता। इससे व्यवसाइयों का भी नुकसान होता है। वस्तु एवं सेवा कर प्रणाली में विलंब से कर जमा करने पर ब्याज एवं शास्ति का अनावश्यक भार व्यवसाइयों पर आता है। उन्होंने इससे बचने के लिए समय पर कर जमा करने का आग्रह किया।

श्री सिंह ने बैठक में व्यवसाई संघों से अपील की कि जीएसटी प्रणाली के तहत 200 रूपए से अधिक के कर योग्य माल की बिक्री पर पक्का बिल जारी करने की अनिवार्यत: है, इसका पालन सभी व्यवसाइयों को करना चाहिए। उपभोक्ताओं द्वारा इस तरह की शिकायतें मिलने पर विभाग को दंडात्मक कार्यवाही के लिये बाध्य होना पड़ता है। उन्होंने दंडात्मक कार्यवाही से बचने के लिए वैधानिक प्रावधानों का पालन करने कहा। उन्होंने कहा कि समय-सीमा में रिटर्न प्रस्तुत नहीं करने से विभाग को रिटर्न मॉनिटरिंग, रिटर्न स्कूटनी, ऑडिट तथा पंजीयन विलोपन जैसी दंडात्मक कार्यवाही करनी पड़ती हैं, जिससे कर राजस्व संग्रहण प्रभावित होने के साथ ही अप्रिय स्थिति बनती है। उन्होंने सेवा प्रदाताओं, गुड्स सप्लायर्स और केजुअल टैक्स पेयर्स को भी अपना पंजीयन कराकर व्यवसाय करने के लिए प्रोत्साहित करने तथा आदतन कर अपवंचन करने वाले व्यवसाइयों को हतोत्साहित करने का आग्रह किया।
 


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