रायपुर

यूक्रेन से लौटे छात्रों को देश के मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई की अनुमति नहीं
16-Sep-2022 2:12 PM
यूक्रेन से लौटे छात्रों को देश के मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई की अनुमति नहीं

केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में पेश किया शपथ पत्र

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 16 सितंबर।
यूक्रेन रूस युद्ध की वजह से डाक्टरी पढ़ाई छोडक़र छत्तीसगढ़ और भारत लौटे छात्रों , उनके पालकों के लिए अफसोसजनक ख़बर है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका की सुनवाई के दौरान आज एक शपथ पत्र पेश किया है। इसमें केंद्र सरकार ने कहा है कि इन बच्चों को देश के मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस पूरा करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है??। हां यदि ये छात्र किसी और देश में पढ़ाई कंप्लीट करना चाहते हैं तो भारत सरकार पूरी मदद करेगी।

इस वर्ष की शुरुआत में शुरू हुए युद्ध के दौरान वहां पढ़ाई कर रहे हजारों भारतीय बच्चे जान बचाकर घरों को लौटे थे। इनमें छत्तीसगढ़ के भी करीब 207 से अधिक छात्र-छात्राएं हैं। युद्ध कुछ शांत होने के बाद इन छात्रों ने वापस जाना चाहा तो यूक्रेन के निजी कॉलेजों ने युद्ध में नुकसान को देखते हुए पढ़ाई नहीं होने की घोषणा की। इसके बाद इन बच्चों ने केंद्र और अपने अपने राज्य सरकारों से निजी या शासकीय मेडिकल कॉलेजों में दाखिले देने की मांग को लेकर करीब पांच महीनों से सीएम, स्वास्थ्य मंत्रियों के दर दर भटक रहे। इन्हीं में से कुछ ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसकी सुनवाई के दौरान केंद्र ने यह शपथपत्र दाखिल किया है। इसके मुताबिक सरकार ने राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम में इसके लिए कोई प्रावधान नहीं था। दूसरा ऐसी छूट देने से भारत में चिकित्सा शिक्षा के मानकों में बाधा आएगी। सरकार ने इन छात्रों के लिए विकल्प के तौर पर कहा है कि ये छात्र यूक्रेन में अपने कॉलेजों से अप्रुवल लेकर अन्य देशों में जाकर अपनी डिग्री पूरी कर सकते हैं।

इस मामले की अगली सुनवाई 23 सितंबर को होगी। एनएनसी ने यूक्रेन के 3-4 विवि और करीब 15 देशों के विवि में मोबिलिटी प्लान दिया है, लेकिन पालकों का कहना है कि यह फायदेमंद नहीं। क्योंकि 6 माह से एक साल के लिए ही यह सुविधा दी जानी है। और डिग्री तो यूक्रेन के विवि से ही मिलेगी। उनका कहना है कि सभी 14 हजार बच्चों जो एक से पांच वर्ष की पढ़ाई कर रहे हैं, को भी एडजेस्ट किया जाए।

मोदी की जय-जयकार करवाया था
केंद्र सरकार के इस शपथपत्र के हवाले से एक पालक ने कहा है कि यूक्रेन से भारतीय छात्रों को वापस लाकर महीनों तक छाती पीटने के बाद आज मोदी सरकार ने देश के बच्चों के भविष्य की बत्ती गुल कर दी। यानी देश के बच्चों की जान बचाने के बाद उन्हें सडक़ पर छोड़ दिया गया है। याद करें, इन बच्चों को विमान में लाते समय तिरंगे के साथ मोदी सरकार की जय-जयकार करवाई गई थी।
 


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