रायगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 17 जनवरी। रायगढ़ के मुख्य चौक गांधी प्रतिमा के नीचे सहारा इंडिया के खिलाफ आमरण अनशन शुरू हो गया है। उनकी मांगे हैं कि सहारा इंडिया के दोषियों पर अपराध दर्ज किया जाए और उनके डूबे हुए पैसे वापस किए जाएं। इसके रायगढ़ के कई थानों में शिकायत भी दी गई है।
सहारा इंडिया के निवेशक लंबे समय से अपने अपने पैसों का इंतजार कर रहे है। हालांकि इस मामले में सामाजिक कार्यकर्ता नरेश कंकरवाल, रवि शंकर दुबे द्वारा आमरण अनशन शुरू करने के बाद पुलिस ने आनन-फानन में कंपनी के एक मैनेजर ओमप्रकाश शर्मा को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं इस आमरण अनशन को शहर के कई गणमान्य नागरिकों ने भी समर्थन दिया है।
छत्तीसगढ़ में सहारा इंडिया के निवेशकों की एक बहुत बड़ी संख्या है जिनका करोड़ों का बकाया है। हाल ही में जनता जोगी कांग्रेस ने भी इस पूरे मुद्दे को छत्तीसगढ़ में जोर-शोर से उठाया था। इस मामले में केंद्रीय एजेंसियां काम कर रही है, इसलिए राज्य सरकारे इस पर सीधे कदम नहीं उठा पाती है।
सहारा इंडिया देश की एक ऐसी कंपनी है जिसने सभी निवेशकों से कहा कि जो भी इसमें अपना पैसा जमा करेगा, यानी दोगुना पैसा सभी निवेशकों को वापस कर दिया जाएगा और इसके चलते देश के लाखों लोग हैं, जिन्होंने सहारा इंडिया में पैसा लगाया है।
जरूरत पडऩे पर सहारा इंडिया किसी का पैसा नहीं लौटा रहा है, जिसका खामियाजा सभी को लगभग 12 साल से भुगतना पड़ रहा है।
रायगढ़ जिले में भी हजारों निवेशकों ने सहारा कंपनी में करोड़ों रूपये जमा कराया है। जमा कर्ताओं का आरोप है कि उनके खून पसीने की कमाई को कंपनी में जमा न करके सहारा की सोसायटी में जमा करा दिया गया। जिसे पाने के लिये वे न्याय की आस में भटक रहे हैं। आमरण अनशनकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगे नहीं मानी गई तो एक सप्ताह बाद इसी आमरण अनशन स्थल से भूख हड़ताल शुरू की जाएगी।


