रायगढ़
गाडिय़ों से लाइन लगाने के नाम पर अवैध वसूली
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 30 दिसंबर। रायगढ़ क्षेत्र के जामपाली माइंस में गुंडागर्दी अपने चरम में हैं यहां गाडिय़ों से लाइन लगाने के नाम पर अवैध वसूली की जा रही है। प्रतिदिन माइंड से 500 गाडिय़ों का डिस्पैच होता है, जिससे 50 की दर से 25 हजार प्रति दिन यानी 7.50 लाख महीने वसूली की जा रही है।
इस कार्य में कुछ रसूखदारों का भी समर्थन है, क्योंकि उनकी गाडिय़ां लाइन में न लगकर सीधे खदान में प्रवेश करती हैं। कम से कम 100 गाडिय़ां डायरेक्ट जाती हैं जिससे उनको और इन्हें 5 लाख प्रति दिन का फायदा होता है, और छोटे गाड़ी मालिक लाइन में लगे लगे दूसरे दिन भी मुश्किल से नंबर आता है। सवाल यह है कि यह अवैध वसूली का अधिकार इनको किसने दिया आज इनके खिलाफ बोलने की हिम्मत किसी गाड़ी मालिक में नहीं है, जो बोलता है वह मार खाता है।
छत्तीसगढ़ शासन से निवेदन है कि यह अवैध वसूली को बंद कराया जाए खदान प्रबंधन गाडिय़ों की पार्किंग की व्यवस्था करें, जब तक खदान प्रबंधन नहीं कर पाता है। तब तक गांव किसी स्वयं सहायता समूह को पार्किंग व्यवस्था की जिम्मेदारी विधिवत दी जाए जिससे गुंडागर्दी खत्म हो सके। एक विचारणीय पहलू है कि आज खदान के प्रभावित और विस्थापित लोग बेरोजगार घूम रहे हैं नौकरी की तलाश में जहां उनको कोई काम नहीं मिल रहा है उनका संगठन बना करके क्यों ना उनको पार्किंग व्यवस्था की जवाबदारी शासन की सहमति से दी जाए।


