रायगढ़

कमाने-खाने ओडिशा गए परिवार पर हाथी का हमला, दो भाईयों की मौत, बच्चों को बचाते मां-बाप जख्मी
05-Nov-2022 7:09 PM
कमाने-खाने ओडिशा गए परिवार पर हाथी का हमला, दो भाईयों की मौत,  बच्चों को बचाते मां-बाप जख्मी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायगढ़/ओडिशा, 5 नवंबर।  छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले की सीमा से लगे ओडिशा के झारसुगुड़ा जिले के किरमीरा प्रखंड स्थित भौंरा गांव के पास जंगली हाथी ने दो भाईयों को कुचलकर मार डाला। ये दोनों भाई अपने माता-पिता के साथ र्इंट भट्ठे के पास टेंट लगाकर सोये हुए थे। जहां देर रात झुंड से भटके एक दंतैल जंगली हाथी ने उत्पात मचाते हुए उन पर हमला बोल दिया। जान बचाने की फिराक में भागते दोनों भाईयों को उनके माता-पिता के सामने जंगली हाथियों ने सूंढ से पटकते हुए कुचलकर मार डाला।  दोनों बच्चों को बचाने के प्रयास में दंपत्ति गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें झारसुगुड़ा जिला मुख्यालय अस्पताल में भर्ती कराया गया।

बीती रात अपने दल से बिछड़े एक जंगली हाथी ने ईंट भट्ठे के मजदूरों पर हमला करते हुए दो मासूमों की जान ले ली। दोनों मृतक सगे भाई थे और इन दोनों को जंगली हाथी से बचाने के लिए उनके माता-पिता भी गंभीर रूप से घायल हो गए।

यह परिवार छत्तीसगढ़ के सक्ति जिले से रोजी-रोटी की तलाश में वहां पहुंचे थे। देर रात अचानक उनके टेंट पर जंगली हाथी ने हमला बोल दिया। मृतक बच्चों के माता-पिता बताते हैं कि हम रात में साये थे और रात 9 बजे नींद आने के बाद अचानक उनके टेंट का तिरपाल खींचने की आवाज सुनकर वे चौंके और दोनों बच्चे उसी तिरपाल में खींचते हुए हाथी के चंगुल में आ गए।

हमने भी जंगली हाथी को अपने सामने देखा, जिसे देखते ही हमने अपने दोनों बच्चों को खोजा, लेकिन वे नहीं मिले और वे भी अपनी जान बचाने के लिये दौड़े। इसी दौरान गिरने से उनकी पत्नी का हाथ पैक्चर हो गया। साथ में और लोगों ने हाथ में मशाल लेकर हाथी को खदेड़ा।  हाथी के जाने के बाद दोनों बच्चों के शव तिरपाल के अंदर मिले।

 बच्चों की मां बताती हैं कि यह हमला अचानक हुआ और सोते समय जंगली हाथी उनके टेंट पर हमला बोलते हुए बच्चों के तिरपाल को लपेट कर कुचल डाले हैं। उस वक्त रात के 11 बज रहे थे और जंगली हाथी एक ही था।

ओडिशा के झारसुगड़ा जिले के डीएफओ ने इस घटना के संबंध में बताया कि  यह परिवार छत्तीसगढ़ के सक्ति जिले के उमेश राम सतनामी और उनकी पत्नी लहराबाई सतनामी अपने दो बेटों धनंजय 9 साल और अभय 11 साल के साथ एक ईंट भट्ठे पर काम करने गांव आए थे। परिवार कार्यस्थल के पास सो रहा था। इस बीच एक जंगली हाथी वहां पहुंचा और दो भाइयों पर हमला कर दिया। दंपत्ति ने अपने बच्चे को बचाने की कोशिश की, लेकिन असफल रहे। जंगली हाथी ने दो भाइयों को इस कदर कुचला कि उनकी मौके पर ही मौत हो गई। विशेष रूप से कम से कम सात हाथी इस क्षेत्र में तबाही मचा रहे हैं। डीएफओ का यह भी कहना है कि इस क्षेत्र में छत्तीसगढ़ की सीमा से जंगली हाथियों का दल आसपास भटक रहा है। जिसके उपर लगातार नजर रखी जा रही है।  

बहरहाल छत्तीसगढ़ के सक्ति जिले से अपनी आजीविका चलाने के लिये ईट भट्ठे में काम करने वाले मजदूरों पर जंगली हाथी मौत बनकर टूट पड़ा था, जिससे उनके दोनों चिराग बुझ गए। इस मामले में झारसुगड़ा प्रशासन द्वारा जांच के बाद पीडि़त परिवारों को मुआवजा देने की पहल की जा रही है।


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