मनेन्द्रगढ़-चिरिमिरी-भरतपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मनेंद्रगढ़, 10 अक्टूबर। एमसीबी जिले के भरतपुर विकासखंड के कई गांवों में नेटवर्क और बिजली की समस्या बनी हुई है। इसके कारण ग्रामीणों को राशन वितरण सहित अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में कठिनाई हो रही है।
राशन वितरण पर असर-बड़वाही ग्राम पंचायत में 515 राशन कार्डधारी और लगभग 1040 मतदाता हैं। ग्रामीण बताते हैं कि नेटवर्क न होने पर पीओएस मशीनें काम नहीं करतीं और लोगों को राशन मिलने में परेशानी होती है। कई लोग खेतों या ऊंची जगहों पर जाकर नेटवर्क पकडऩे की कोशिश करते हैं।
वंशधारी बैगा ने बताया कि बिजली रहने पर कुछ समय तक नेटवर्क मिल जाता है, लेकिन बिजली जाते ही टावर बंद हो जाते हैं। उनके अनुसार, लाइट आने के बाद भी कभी-कभी नेटवर्क नहीं आता, ऐसे में एंबुलेंस तक नहीं बुला पाते हैं।
बाबादीन ने कहा कि उचित मूल्य दुकान में नेटवर्क न रहने से वितरण रुक जाता है। यह परेशानी सिर्फ हमारे गांव की नहीं है, आसपास के कई गांवों में भी यही हाल है। कई बार महीनों तक चावल नहीं मिल पाता।
प्रेमलाल बैगा ने बताया, लाइट नहीं रहती तो टावर बंद हो जाता है, नेटवर्क नहीं आता। अब सब कुछ ऑनलाइन है, लेकिन नेटवर्क और बिजली दोनों ही नहीं हैं।
श्यामदिन के अनुसार, इलाके में बीएसएनएल और जियो के दो टावर हैं, लेकिन नेटवर्क बहुत कमजोर है। उन्होंने कहा, ओटीपी नहीं आता तो चावल नहीं मिलता। लाइट और नेटवर्क दोनों चले जाते हैं तो लगता है हम किसी और दुनिया में रह रहे हैं।
राशन दुकान के विक्रेता राजीव उपाध्याय ने बताया कि नेटवर्क न होने की वजह से वे वितरण नहीं कर पाते। लोग रोज़ दुकान आते हैं, लेकिन सर्वर डाउन या नेटवर्क फेल की वजह से हम कुछ नहीं कर पाते। ग्रामीणों को लगता है कि हम देरी कर रहे हैं, लेकिन असल में सिस्टम ही साथ नहीं दे रहा।
अन्य गांवों की स्थिति-धनवाही, नगोई, तेंदुआ और बेलगढ़ा सहित कई गांवों में भी यही समस्या है। बिजली कटौती होने पर टावर लंबे समय तक बंद रहते हैं और बिजली आने पर भी नेटवर्क कई बार उपलब्ध नहीं होता।
ग्रामीणों की मांग-ग्रामीणों का कहना है कि सरकार को नेटवर्क और बिजली की स्थायी व्यवस्था करनी चाहिए। साथ ही, उनकी मांग है कि राशन वितरण जैसे कार्यों में ऑफलाइन विकल्प की अनुमति दी जाए।


