मनेन्द्रगढ़-चिरिमिरी-भरतपुर

रहस्य और रोमांच से भरा पर्यटन हिल स्टेशन मुरेरगढ़ -डॉ. विनोद
15-Dec-2025 3:37 PM
रहस्य और रोमांच से भरा पर्यटन हिल स्टेशन  मुरेरगढ़ -डॉ. विनोद

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

मनेंद्रगढ़, 15 दिसंबर। जिला मुख्यालय मनेंद्रगढ़ से 105 किलोमीटर दूरी पर केल्हारी- चुटकी- भंवरखोह  होकर मुंगेरगढ़ पहुंचा जाता है। मुरेरगढ़ मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर (एमसीबी) जिले के सबसे ऊंची पहाड़ी चोटी है, जो लगभग 2000 फीट ऊंची है और प्राकृतिक हिल स्टेशन के रूप में प्रसिद्ध है। इस पहाड़ी के ऊपर प्राचीन ऐतिहासिक किले के अवशेष दिखाई पड़ते हैं।

 पर्यटन एवं पुरातत्व विभाग के नोडल अधिकारी डॉ. विनोद पांडेय बताते हैं कि किले के जो अवशेष हैं, संभवत: बालंदशाह राजा पूर्ववर्ती शासक द्वारा बनवाया गया है, उसी की गढ़ी रही होगी है । प्रमुख दर्शनीय स्थल होने के बावजूद मार्ग में कठिनाई, पथरीले  रास्ते व आवागमन के साधन के अभाव होने के कारण बहुत कम लोग ही पहाड़ी की ऊंचाई पर पहुंच पाते हैं इस पहाड़ी मे गुफाएं व कुआं है  ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि कुआं में हमेशा पानी रहता है, यहां तालाब भी है। गुफाएं जिससे पानी निकलता है वह पीने योग्य मीठा पानी है

 

आगे डॉ. पांडेय बताते हैं कि प्राथमिक दृष्टि से इस किले की महत्वता को भले ही नकारा जाए, किंतु ऐतिहासिक दृष्टि से रियासत के अध्ययन में यह एक महत्वपूर्ण कड़ी है। स्थानीय लोग इसे सिद्ध बाबा पर्वत भी कहते हैं। महाशिवरात्रि व नवरात्रि में देवी पूजा के अवसर तथा दीपावली के दूसरे दिन स्थानीय लोग  पर्वत के ऊपर देव स्थल पर दीप जलाने जाते हैं।  लेकिन यहां रात में कोई  रुकता नहीं है। पहाड़ के शिखर स्थल पर त्रिशूल व झंडे गड़े हुए हैं, इससे लगता है कि लोग मन्नत मांगने भी आते हैं।

डॉ. पांडेय बताते हैं कि यह  स्थल अपनी प्राचीनता, ऐतिहासिकता के साथ धार्मिक आस्था का केंद्र भी है। रहस्य और रोमांच से भरे इस प्राकृतिक स्थल को हिल स्टेशन के रूप में विकसित किया जा सकता है। पर्वत के चारों तरफ की हरियाली देखने योग्य बनती है, जो पर्यटकों के मन को आकर्षित करती है। जिला प्रशासन द्वारा इसकी जानकारी छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड को प्रेषित की गई है।


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