मनेन्द्रगढ़-चिरिमिरी-भरतपुर

पिता की चिता को बेटी ने दी मुखाग्नि
04-Nov-2024 6:39 PM
पिता की चिता को बेटी ने दी मुखाग्नि

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

मनेन्द्रगढ़, 4 नवम्बर। बेटा ही पिता की चिता को मुखाग्नि देता है, यह बात अब गुजरे जमाने की हो चुकी है। सोमवार को यहां भी यह रूढ़ीवादी परंपरा तब टूटती नजर आई, जब एक बेटी ने बेटे का फर्ज निभाते हुए अपने पिता का अंतिम संस्कार किया। बेटियां पिता की अंतिम यात्रा में श्मशान तक साथ गईं और वहां उन सभी रीति-रिवाजों को निभाया, जो बेटा करता है।

नगर के वार्ड क्र. 21 सुरभि पार्क के पास निवासी 45 वर्षीय मनीष रैकवार का रविवार की दोपहर उनके निवास में निधन हो गया। वे पिछले कुछ वर्षों से बीमार थे। उनका कोई बेटा नहीं है, लेकिन 2 बेटियां हैं। बड़ी बेटी मान्यता और उससे छोटी मानस्वी है। सोमवार को जब अंतिम यात्रा घर से निकली तो दोनों बेटियों ने गमगीनपूर्ण वातावरण में अर्थी को कांधा देकर पिता को विदाई दी और आमाखेरवा स्थित मुक्तिधाम तक साथ गईं। बेटी मान्यता ने जहां पिता की चिता को मुखाग्नि दी वहीं वहीं छोटी बेटी मानस्वी ने अंतिम संस्कार की शेष परंपराएं निभाई।

मुक्तिधाम में शोकसभा आयोजित

मनीष रैकवार पेशे से पत्रकार रहे। उनके निधन से स्थानीय पत्रकार जगत में भी शोक की लहर देखी गई। अंतिम यात्रा में परिजनों और नागरिकों के साथ बड़ी संख्या में एमसीबी जिले के पत्रकार भी शामिल हुए। मुखाग्नि के पश्चात मुक्तिधाम में ही शोक सभा का आयोजन कर 2 मिनट का मौन धारण कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। शोकसभा में पूर्व नपाध्यक्ष धर्मेंद्र पटवा ने गहरी शोक संवेदना व्यक्त करते हुए बेटियों को ढाढ़स बंधाया।


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