मनेन्द्रगढ़-चिरिमिरी-भरतपुर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मनेन्द्रगढ़, 12 सितम्बर। एमसीबी जिले के केल्हारी तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत ताराबहरा, तहसील केल्हारी के निवासी साधारण किसान अरविंद कुमार सिंह की कड़ी मेहनत और समर्पण ने उन्हें मछली पालन में शीघ्र ही सफलता दिलाई है। आज वे सालाना लगभग 5 से 6 लाख रुपए की आय प्राप्त कर रहे हैं।
अरविंद ने महसूस किया कि मछली पालन एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें कम समय और कम लागत में अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। उन्होंने इसे एक नए अवसर के रूप में देखा, जो न केवल उनकी आर्थिक स्थिति को सुधार सकता था, बल्कि उनके जैसे अन्य किसानों के लिए भी एक नया रास्ता खोल सकता था। उन्होंने मछली पालन के प्रयासों को विस्तार देने के लिए 3 से 4 एकड़ भूमि में बड़े तालाबों का निर्माण किया, जिन्हें स्थानीय भाषा में डबरी कहा जाता है। इन तालाबों में मछली की कई किस्मों कतला, रोहू, मृगल, पंगेसियस (कैटफिश), रूपचंदा, और कारी मछली का पालन शुरू किया। उन्होंने तालाबों में स्वच्छ पानी, उचित ऑक्सीजन का स्तर और मछलियों के लिए उचित भोजन की व्यवस्था की। उनकी मेहनत रंग लाई और आज मछली पालन से उनकी आर्थिक स्थिति काफी सुदृढ़ है।
अरविंद ने केवल मछली पालन में ही नहीं, बल्कि मछलियों के बच्चों के उत्पादन में भी नवाचार किया। उन्होंने पांच छोटे तालाबों का निर्माण किया, जिन्हें विशेष रूप से मछली के बच्चों के पालन-पोषण के लिए तैयार किया गया था। इन तालाबों में उन्होंने कैटफिश (पंगेसियस) के बच्चों का सफलतापूर्वक उत्पादन किया। इस नवाचार ने उन्हें न केवल छत्तीसगढ़ में, बल्कि पूरे क्षेत्र में पहचान दिलाई। अरविंद इस तकनीक को अपनाने वाले शायद छत्तीसगढ़ के पहले व्यक्ति थे। उनकी इस सफलता ने उन्हें मछली पालन के क्षेत्र में एक अग्रणी के रूप में स्थापित किया और अन्य किसानों को भी मछली पालन के लिए प्रेरित किया।
अरविंद के मछली पालन व्यवसाय ने तेजी से सफलता प्राप्त की। उनके तालाबों में मछलियों की अच्छी उपज और उच्च गुणवत्ता के कारण उन्होंने बाजार में मछलियों को बेचना शुरू किया। उन्होंने बताया कि वे सालाना लगभग 5 से 6 लाख रुपए की आय प्राप्त कर रहे हैं। उनकी आय में यह वृद्धि न केवल उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में मददगार साबित हुई, बल्कि उनके परिवार के जीवन स्तर को भी सुधारने में सहायक रही।
अरविंद ने बताया कि रूपचंदा मछली में ओमेगा-3 फैटी एसिड भरपूर मात्रा में होता है, जो शरीर के समुचित कामकाज के लिए महत्वपूर्ण होता है। ओमेगा-3 फैटी एसिड हृदय रोगों के जोखिम को कम करने, सूजन को नियंत्रित करने, और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है। इसके अतिरिक्त, रूपचंदा मछली में विटामिन डी का भी समृद्ध स्रोत है, जो हड्डियों के विकास और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक होता है। उन्होंने बताया कि मछलियों में प्रोटीन की भी भरपूर मात्रा होती है, जो हड्डियों, उपास्थि, त्वचा, और मांसपेशियों के विकास के लिए आवश्यक होती है।
उन्होंने अपने ग्राहकों को मछलियों के इन फायदों के बारे में जागरूक करने की भी कोशिश की और उन्हें मछलियों के सेवन के लिए प्रेरित किया।