मनेन्द्रगढ़-चिरिमिरी-भरतपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मनेन्द्रगढ़, 19 जुलाई। जब हवा प्रदूषित होने लगे, मनुष्य की सांसें कमजोर पडऩे लगे, तब बात पर्यावरण की उठती है। पर्यावरण का सीधा अर्थ है हमारे आसपास का वातावरण जिसमें पेड़-पौधे, जंगल, नदी, पहाड़, हवा, पानी सम्मिलन को ही पर्यावरण करते हैं। जब ये सुरक्षित नहीं होंगे तो पर्यावरण कैसे सुरक्षित होगा। उक्त बातें सतीश कुमार द्विवेदी ने स्वामी आत्मानंद विद्यालय मनेंद्रगढ़ में पर्यावरण पर परिचर्चा के दौरान बच्चों को संबोधित करते हुए कही।
उन्होंने बच्चों को सीड बॉल के बारे में भी बताया। वर्तमान में सतीश द्विवेदी साइकलिंग कर खाली जगहों पर सीड बॉल का प्रयोग कर रहे हैं। इस दौरान स्कूलों में भी बच्चों को पर्यावरण से संबंधित परचर्चा कर उन्हें पर्यावरण पर जागरूक कर रहे हैं। इनके द्वारा यह कार्य वर्षों से किया जा रहा है। वर्ष 1997 से लेकर अभी तक वे कई हजार किलोमीटर साइकलिंग कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे चुके हैं। लगातार साइकलिंग व पर्यावरण संरक्षण पर कार्य करने को लेकर इनका नाम इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड में दर्ज हो चुका है। उन्होंने बच्चों के साथ मिलकर स्कूल परिसर में वृक्षारोपण किया और उन्हें आसान शब्दों में ग्लोबल वार्मिंग का अर्थ समझाया।
उन्होंने बच्चों को पेड़ों के बारे में बताया कि दुनिया में हर मिनट में 24 सौ पेड़ काटे जाते हैं। भारत में प्रति व्यक्ति पेड़ कुल 22 बचे हैं और कम होते जा रहे हैं। एक वयस्क व्यक्ति द्वारा जीवन भर में फैलाए गए प्रदूषण को 300 पेड़ मिलकर खत्म कर सकते हैं। उन्होंने स्कूली बच्चों से अपने स्तर से प्रकृति को संरक्षित करने के उपाय बताये। उन्होंने ज्यादा से ज्यादा पौधों का रोपण करने, सीडबाल का प्रयोग खाली स्थानों पर करने, वनों को आग से बचाने, पराली न जलाने, पन्नी पॉलीथिन का उपयोग नहीं करने, एक दिन नो फ्यूल डे मनाने तथा प्रतिदिन साइकलिंग करने का आग्रह किया।


