मनेन्द्रगढ़-चिरिमिरी-भरतपुर
मुख्यमंत्री के ओएसडी ने संचालक स्वास्थ्य सेवाएं को कार्रवाई करने कहा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मनेन्द्रगढ़, 14 जुलाई। शासकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मनेंद्रगढ़ में पदस्थ स्टाफ नर्स के द्वारा अस्पताल में इलाज के लिए आए अधिवक्ता के साथ दुव्र्यवहार किए जाने की घटना सामने आई है। पीडि़त अधिवक्ता के द्वारा स्वास्थ्य मंत्री से घटना की शिकायत के एक माह बाद भी संबंधित स्टाफ नर्स के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। अब इस मामले में मुख्यमंत्री के विशेष कत्र्तव्यस्थ अधिकारी ने संचालक स्वास्थ्य सेवाएं को मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई करने पत्र जारी कर निर्देशित किया है।
सिविल कोर्ट मनेंद्रगढ़ में कार्यरत अधिवक्ता विजय प्रकाश पटेल ने बताया कि पिछले माह 10 जून को स्कूटी से गिर जाने के कारण पैर में चोट लगने की वजह से डॉक्टर के निर्देश पर टीटी इंजेक्शन एवं ड्रेसिंग के लिए वे अस्पताल में ड्यूटी पर उपस्थित स्टाफ नर्स के पास पहुंचे तो वह पूरी तरह से खाली बैठे हुए अपने मोबाइल में व्यस्त थी।
अधिवक्ता ने बताया कि मेडिकल पर्ची को स्टाफ नर्स को दिखाने पर उन्होंने मोबाइल से अपना ध्यान हटाए बिना बगैर मेडिकल पर्ची देखे बेड पर लेटने के लिए कह दिया। इसके बाद बेड पर लेटे आधा घंटा बीत जाने पर भी उन्हें टीटी इंजेक्शन नहीं लगाया गया। अधिवक्ता ने कहा कि जब उनके द्वारा निवेदनपूर्वक आग्रह किया गया तो स्टाफ नर्स के द्वारा उन्हें डांटते-फटकारते हुए दुव्र्यवहार किया गया। अंत में लगभग 1 घंटा बीत जाने पर बिना टीटी इंजेक्शन लगवाए अस्पताल से वापस लौटना पड़ा।
पटेल ने बताया कि उसी क्षण अवकाश पर रीवा प्रवास पर गए मनेंद्रगढ़ के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुरेश तिवारी को मोबाइल से घटना की जानकारी दी गई, साथ ही स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव को भी पत्र लिखकर सीएचसी मनेंद्रगढ़ में कार्यरत स्टाफ नर्स के दुव्र्यवहार, लापरवाही, उपेक्षा एवं चिल्लाकर बात किए जाने की लिखित शिकायत करते हुए आवश्यक कार्रवाई किए जाने की मांग की गई, लेकिन 1 माह बाद भी संबंधित स्टाफ नर्स के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है।


