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आस्था और पर्यटन के रूप में मनेंद्रगढ़ को नई पहचान देगा श्री सिद्धबाबा धाम
13-Jun-2023 7:13 PM
आस्था और पर्यटन के रूप में मनेंद्रगढ़ को नई पहचान देगा श्री सिद्धबाबा धाम

पहाड़ी पर केदारनाथ की तर्ज पर निर्मित मंदिर है आकर्षण का केंद्र

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मनेन्द्रगढ़, 13 जून।
भव्य मंदिर निर्माण के पश्चात यह क्षेत्र एमसीबी जिला ही नहीं, बल्कि पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश की सीमा से लगे होने के कारण वहां के पर्यटकों स्थानीय नागरिकों और श्रद्धालुओं के लिए भी आकर्षण का प्रमुख केंद्र बनेगा। सिद्ध बाबा प्रमुख पर्यटन केंद्र  के रूप में विकसित होगा। उक्त बातें नगर के इतिहासकार डॉ. विनोद पांडेय प्राचार्य शासकीय हाई स्कूल पिपरिया ने सिद्ध बाबा पहाड़ी पर केदारनाथ की तर्ज पर मूर्त रूप ले रहे मंदिर में सिद्धनाथ सरकार के दर्शन उपरांत कही।

 उन्होंने कहा कि ऐसा माना जाता है कि इस पहाड़ पर प्राचीन काल में किसी तपस्वी ने साधना की थी, इस कारण यह पहाड़ सिद्ध बाबा पहाड़ के नाम से जाना जाता है। भगवान शिव का मंदिर होने के कारण महाशिवरात्रि एवं मकर संक्रांति के दिन यहां अंतर्राज्यीय मेला लगता है। कुछ कुछ दनों पूर्व तक यह शिव मंदिर जर्जर अवस्था में था, लेकिन स्थानीय नागरिकों, जनप्रतिनिधियों व मंदिर समिति के द्वारा केदारनाथ के तर्ज पर भव्य मंदिर का निर्माण किया जा रहा है व राष्ट्रीय राजमार्ग से मंदिर तक सुगम मार्ग का निर्माण किया जा रहा है जो सिद्ध बाबा समिति के सदस्यों के सराहनीय प्रयास का नतीजा है। रास्ता बन जाने के कारण बच्चे, बुजुर्ग भी आसानी से मंदिर तक पहुंच सकते हैं। प्राचीन समय में सिद्ध बाबा धार्मिक के साथ-साथ प्राकृतिक रूप से भी प्रसिद्ध रहा है। 

पहाड़ में प्राचीन समय में दुर्लभ जड़ी-बूटियों जैसे चिरायता, पत्थर चट्टी, चिरचिटा, मजकरैया, ग्वारपाड़ा आदि प्राप्त होता था जो शरीर को निरोगी रखने में उपयोगी था। उन्होंने कहा कि यहां विलुप्त होती दुर्लभ जड़ी-बूटियों के संरक्षण हेतु हर्बल गार्डन का निर्माण किया जा सकता है। वहीं सन 1928 मेकं इस पहाड़ के नीचे उच्च किस्म का कोयला मिलता था और इस संपूर्ण क्षेत्र को कारीमाटी  (झगराखंड) के नाम से जाना जाता था। 

इसी कारण सन 1930 में यहां रेलवे लाइन का विस्तार हुआ। कोयला खदान से रियासत को 4 प्रतिशत रॉयल्टी मिलती थी। कालांतर में इस क्षेत्र में आग लगने की घटना हुई और तत्कालीन रूलर चीफ द्वारा रेलवे स्टेशन के निकट मनेंद्रगढ़ नगर बसाया गया। कोयला खदान और रेलवे लाइन के निर्माण के पश्चात इस नगर का विकास प्रारंभ हुआ, इसलिए इस प्राचीन मंदिर को ग्राम देवता के रूप में भी स्थानीय लोगों द्वारा माना जाता है। 

डॉ. पांडेय ने कहा कि आने वाले समय में श्री सिद्धबाबा धाम की ख्याति आस्था और पर्यटन के रूप में दूर-दूर तक फैलेगी। आस्था का यह केंद्र मनेंद्रगढ़ शहर की पहचान बनकर उभरेगा।


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