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उम्र का शतक लगाने के बाद भी सहारा पेंशन के लाभ से वंचित
04-Jun-2023 2:31 PM
उम्र का शतक लगाने के बाद भी सहारा पेंशन के लाभ से वंचित

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मनेन्द्रगढ़, 4 जून।
  शासन की महती वृद्धावस्था पेंशन के लिए लाभार्थी की उम्र 60 वर्ष या इससे अधिक तय की गई है, लेकिन गरीबी रेखा सर्वे सूची में नाम नहीं होने का खामियाजा 2 सबसे ज्यादा उम्रदराज ग्रामीण बुजुर्गों को भुगतना पड़ रहा है। 

एक की उम्र 100 पार कर गई है, जबकि दूसरा 100 वर्ष की आयु पूरी करने के कगार पर है। उन्हें शासन की महती वृद्धावस्था पेंशन योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। एक बुजुर्ग बेटा भी वृद्धावस्था की दहलीज पर पहुंच चुका है।

बुजुर्गों का कहना है कि उनके द्वारा पेंशन के लिए पंचायत से लेकर जनसमस्या निवारण शिविर में कई बार आवेदन किया गया, लेकिन हर तरफ से निराशा ही हाथ लगी है।
मनेंद्रगढ़ तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत बंजी के वार्ड क्र. 6 मटियारी औरा निवासी 107 वर्षीय बुद्धू सिंह पिता सुरजन साय गांव के सबसे उम्रदराज व्यक्ति हैं। उनके 107 वर्ष आयु की पुष्टि आधार कार्ड से होती है जिसमें बुद्धू सिंह की जन्मतिथि 1 जनवरी 1916 दर्ज है। बुद्धू सिंह अभी चलने-फिरने में सक्षम हैं। हर चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग करने मतदान केंद्र तक जाते हैं। स्पष्ट बोलचाल लेते हैं। ऊंची आवाज में बोलने पर सुन भी लेते हैं, लेकिन वृद्धावस्था पेंशन जो बुढ़ापे का सहारा होती है, वह उम्र के इस पड़ाव में पहुंचने के बाद भी उन्हें आज तक नसीब नहीं हो सकी है। पेंशन के लिए बुद्धू सिंह पंचायत में कई बार आवेदन कर चुके हैं। उनके वार्ड की महिला पंच मोती कुंवर का कहना है कि सरपंच ने उनसे उनके वार्ड में वृद्धावस्था पेंशन प्राप्त करने के लिए जितने भी पात्र हितग्राही हैं उनकी सूची बनाकर देने के लिए कहा था जिस पर मेरे द्वारा बुुजुर्ग बुद्धू सिंह का नाम दिया गया था। पंच ने कहा कि अपना 1 हजार रूपए लगाकर बुजुर्ग का बैंक में खाता भी खुलवाया था, लेकिन आवेदन निरस्त हो गया। आवेदन निरस्त होने का कारण पता करने पर बताया गया कि वर्ष 2002 और 2011 की ग्रामीण क्षेत्र की गरीबी रेखा सर्वे सूची में बुद्धू सिंह का नाम दर्ज नहीं है। 

आधार कार्ड के अनुसार बुद्धू सिंह की पत्नी फूलमती गोंड़ की उम्र भी 70 वर्ष हो चुकी है, लेकिन वह भी आज तक वृद्धावस्था पेंशन के लाभ से वंचित है, क्योंकि उसका नाम भी गरीबी रेखा की सर्वे सूची में दर्ज नहीं होना बताया जाता है। बुजुर्ग दंपत्ति एक मात्र बेटा राम सिंह है वह भी 57 साल का हो चुका है। 3 साल बाद वह भी वृद्धावस्था पेंशन के लिए पात्र हो जाएगा। बेटा मेहनत मजदूरी कर रहा है वहीं थोड़ी-बहुत खेती- बाड़ी है उसी से उनका गुजर-बसर हो रहा है। बुजुर्ग दंपत्ति का कहना है कि पेंशन मिलता तो जरूरत की थोड़ी-बहुत चीजें पूरी हो जातीं। जीवकोपार्जन में परेशानी नहीं होती।

बुजुर्ग रामनाथ ने वर्तमान और पूर्व विधायक को भी बताई पेंशन की पीड़ा, लेकिन कोई लाभ नहीं

इसी प्रकार ग्राम पंचायत बंजी के स्कूल पारा में रहने वाले दूसरे सबसे उम्रदराज 93 वर्षीय बुजुर्ग रामनाथ सिंह पिता मोहन भी वृद्धावस्था पेंशन का लाभ लेने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। बुजुर्ग रामनाथ सिंह की भी उम्र की पुष्टि इनके आधार कार्ड से होती है जिसमें उनकी जन्मतिथि 11 सितंबर 1930 दर्ज है। पत्नी की मौत हो चुकी है। इनके 2 बेटे हैं वे ही मेहनत-मजदूरी कर रहे हैं जिन पर वे पूरी तरह से आश्रित हैं। रामनाथ बताते हैं कि पेंशन के लिए उनके द्वारा पंचायत से लेकर शिविर में कई बार आवेदन दिया गया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। वे बताते हैं कि एक बार उनके गांव में बिजली का पोल लगाया जा रहा था। मौके पर मनेंद्रगढ़ विधायक डॉ. विनय जायसवाल भी मौजूद थे। विधायक ने स्वयं उनसे पूछा कि वृद्धावस्था पेंशन का लाभ उन्हें मिल रहा है अथवा नहीं, इस पर उन्होंने पेंशन नहीं मिलने की जानकारी उन्हें दी, तब विधायक ने वहीं उनके साथ मौजूद एक व्यक्ति को कागज में लिखने के लिए कहा था। रामनाथ का कहना है कि ऐसा लगता है कि विधायक ने आज तक उस कागज को पलटकर नहीं देखा। वहीं पूर्व विधायक श्यामबिहारी जायसवाल ने भी हमेशा पेंशन दिलाने की बात कही, लेकिन वृद्धावस्था पेंशन योजना का लाभ आज तक नहीं मिल सका है।

इस वजह से नहीं मिल रहा पेंशन योजना का लाभ - सचिव

ग्राम पंचायत बंजी के सचिव शिव कुमार सिंह का कहना है कि वर्ष 2002 और 2011 की ग्रामीण क्षेत्र की गरीबी रेखा सर्वे सूची में नाम नहीं होने की वजह से वृद्धावस्था पेंशन योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इतनी लंबी आयु के बुजुर्ग जो शुरू से गांव में निवासरत हैं, फिर उनका नाम सर्वे सूची में दर्ज कैसे नहीं हो पाया, इस पर सचिव का कहना है कि सर्वे में कभी नाम छूट भी जाते हैं।


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