मनेन्द्रगढ़-चिरिमिरी-भरतपुर

शासकीयकरण की मांग को लेकर 6वें दिन भी हड़ताल पर रहे पंचायत सचिव
21-Mar-2023 2:22 PM
शासकीयकरण की मांग को लेकर 6वें दिन भी हड़ताल पर रहे पंचायत सचिव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता,

मनेन्द्रगढ़, 21 मार्च। 1 सूत्रीय मांग को लेकर 16 मार्च से जारी सचिवों की अनिश्चितकालीन हड़ताल मंगलवार को 6वें दिन भी जारी रही। सचिवों की हड़ताल से पंचायत भवनों में ताले लटक गए हैं जिसके कारण पंचायतों में होने वाले विकास कार्य व पंचायत संबंधी कार्य प्रभावित हो रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश पंचायत सचिव संगठन छत्तीसगढ़ के आह्वान पर पंचायत सचिव अपने एक सूत्रीय मांग परिवीक्षा अवधि पश्चात शसकीयकरण को लेकर छत्तीसगढ़ के सभी ब्लाक मुख्यालय में काम बंद कलम बंद अनिश्चितकालीन हड़ताल में बैठने से प्रदेश के 11 हजार 644 पंचायत कार्यालयों में ताला लटका हुआ है। इसी कड़ी में एमसीबी जिले में पंचायत सचिवों के हड़ताल पर चले जाने पर पंचायत संबंधी कार्य पूरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं। जिला मुख्यालय मनेंद्रगढ़ स्थित तहसील कार्यालय के बगल में पंचायत सचिवों द्वारा अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन अनवरत जारी है। एमसीबी जिलाध्यक्ष धनेश्वर राय ने बताया कि चुनाव के समय कांग्रेस पार्टी द्वारा अपने घोषणा-पत्र में शासकीयकरण करने का वायदा किया गया था। मुख्यमंत्री द्वारा उनके निवास में पंचायत सचिवों के प्रतिनिधि मंडल से 24 जनवरी 2021 को पंचायत सचिवों का दिसंबर 2021 तक शासकीयकरण करने का वायदा किया गया था। पंचायत सचिव/शिक्षक सम्मेलन इंडोर स्टेडियम रायपुर में 29 मार्च 2022 को मुख्यमंत्री द्वारा मंच से पंचायत सचिव का शासकीयकरण करने हेतु घोषणा की गई थी। पंचायत मंत्री रविंद्र चौबे द्वारा 17 फरवरी 2023 को पंचायत सचिव के 70 से अधिक प्रतिनिधि मंडल के समक्ष शासकीयकरण आगामी बजट में पूर्ण करने हेतु आश्वस्त किया गया था, लेकिन  छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा 6 मार्च 2023 को प्रस्तुत बजट में पंचायत सचिवों के शासकीयकरण का कोई प्रावधान नहीं होने से 10 हजार 568 पंचायत सचिव व उनके परिवार दुखी एवं आक्रोशित हैं। छत्तीसगढ़ के 70 विधायकों द्वारा भी पंचायत सचिवों को शासकीयकरण करने हेतु अनुशंसा की गई है। छत्तीसगढ़ में कार्यरत पंचायत सचिव 29 विभाग के 200 प्रकार के कार्य को जमीनी स्तर पर ईमानदारी पूर्वक निर्वहन करते हुए राज्य एवं केंद्र शासन के समस्त योजनाओं को लोकतंत्र के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं। राज्य सरकार की फ्लैगशिप योजना जैसे गोधन न्याय योजना, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना, मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास, पेंशन, सहित विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का जिम्मेदारीपूर्वक निर्वहन करते आ रहे है। छत्तीसगढ़ में त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यस्था जिला पंचायत एवं जनपद पंचायत स्तर में कार्यरत अधिकारी/कर्मचारी शासकीय सेवक हैं,

 लेकिन पंचायती राज की बुनियाद आधार स्तंभ ग्राम पंचायत में कार्यरत पंचायत सचिव 27 वर्ष बाद भी शासकीय सेवक नहीं हैं। पंचायत सचिवों के हड़ताल में चले जाने से शासन के महत्वकांक्षी योजना गोबर खरीदी, रीपा कार्य, गौठान के समस्त कार्य, मनरेगा के कार्य, जन्म-मृत्यु पंजीयन, राशन कार्ड, प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास, सामाजिक सहायता कार्यक्रम अन्तरर्गत वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन, दिव्यांग पेंशन, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, सुखद सहारा पेंशन, मुख्यमंत्री पेंशन, राष्ट्रीय परिवार सहायता, श्रद्धांजलि योजना, पेयजल व्यस्था, शौचालय निर्माण, वन अधिकार पट्टा वितरण, स्वामित्व योजना सर्वेक्षण, ग्राम सभा, बजट निर्माण, समस्त निर्माण कार्य एवं वित्तीय वर्ष के अंतिम माह होने से लेखा-जोखा के कार्य प्रभावित हैं।


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