मनेन्द्रगढ़-चिरिमिरी-भरतपुर

ओबीसी महासंघ ने एसडीएम को सौंपा राज्यपाल के नाम ज्ञापन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मनेन्द्रगढ़, 1 फरवरी। ओबीसी महासभा एमसीबी के अध्यक्ष अधिवक्ता रामनरेश पटेल ने ओबीसी समुदाय को आबादी के अनुरूप समानुपातिक संवैधानिक आरक्षण प्रदान करने, जाति आधारित जनगणना करने एवं छत्तीसगढ़ विधानसभा में पारित आरक्षण विधेयक में हस्ताक्षर करने संबंधी मांगों को लेकर राज्यपाल के नाम एसडीएम मनेंद्रगढ़ को ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में कहा गया कि देश के संघीय संवैधानिक व्यवस्था के अनुसार सामाजिक एवं शैक्षणिक दृष्टि से पिछड़े समुदाय को अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के रूप में 3 वर्गों में वर्गीकृत किया गया है। सामाजिक एवं शैक्षणिक स्थिति के आधार पर अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति को समानता के अवसर उपलब्ध कराते हुए समुचित विकास एवं उत्थान की व्यवस्था की गई है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा 2 दिसंबर 2022 को छग विधानसभा में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं सामान्य वर्ग को जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण प्रदान कने हेतु विधेयक पारित किया गया है, लेकिन 1931 के राष्ट्रीय जनगणना के अनुसार ओबीसी 52 प्रतिशत तथा हाल ही में क्वांटिफायबल डाटा कमेटी से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर ओबीसी की आबादी लगभग 42 प्रतिशत होने के बावजूद राज्य स्तर के पदों पर 27 प्रतिशत का प्रावधान किया गया है, इसके अतिरिक्त संभाग एवं जिला स्तर के पदों में अंकित 27 प्रतिशत प्रावधान किया गया है, जबकि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं सामान्य वर्ग को जनसंख्या के आधार पर आरक्षण देने का प्रावधान किया गया है।
ज्ञापन में कहा गया कि अधिकांश संभाग एवं जिलों में ओबीसी की जनसंख्या 27 प्रतिशत से अधिक होने के बावजूद भी उन्हें जनसंख्या के अनुपात में न देकर अधिकतम 27 प्रतिशत आरक्षण का सीमित प्रावधान किया गया है, जो कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था में रीढ़ की हड्डी बहुसंख्यक ओबीसी समुदाय के साथ घोर अन्याय एवं असंवैधानिक है। तमिलनाडु, कर्नाटक एवं केरल जैसे राज्यों में ओबीसी को जनसंख्या के अनुपात में 50, 49 और 40 प्रतिशत तक आरक्षण लागू है। अत: उपरोक्त राज्यों की भांति छत्तीसगढ़ में भी ओबीसी को क्वांटिफायबल डाटा कमेटी से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर 42 प्रतिशत आरक्षण लागू कराने हेतु आवश्यक कार्रवाई के लिए निर्देशित किए जाने तथा छग विधानसभा में 2 दिसंबर 2022 को पारित आरक्षण विधेयक में शीघ्र हस्ताक्षर किए जाने की मांग की गई।
एसडीएम को ज्ञापन सौंपने के दौरान पार्षद सरजू यादव, सुनैना विश्वकर्मा, विष्णु दास, ओमप्रकाश विश्वकर्मा, मनोज चक्रधारी, सभाजीत, सुनील राय, राजकुमार पुरी, अब्दुल कयूम, प्रदीप कुमार वर्मा, रामबसंत, शिव कुमार केंवट, अधिवक्ता कन्हैया कुमार, मनमोहन साहू, अशोक राजवाड़े, विजय टांडिया आदि उपस्थित रहे।