महासमुन्द

अब मृत्युभोज में परोसे जाने वाले कलेवा बंद होंगे
03-Jan-2021 9:03 PM
 अब मृत्युभोज में परोसे जाने वाले कलेवा बंद होंगे

  कफन घरेलू परिजन ही डालेंगे  

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

महासमुन्द, 3 जनवरी। साहू समाज में अब मृत्युभोज में परोसे जाने वाले कलेवा बंद होंगे वहीं आगंतुक मेहमानों को आते ही दिए जाने वाले नाश्ता भी नहीं दी जाएगी। पंगत में सादा खाना ही परोसा जायेगा।

इसी तरह अंतिम संस्कार के समय कफन घरेलू परिजन ही डालेंगे। अन्य लोग जो अंत्येष्टि में शामिल होंगे वे दानपेटी में राशि दान के रूप में सहयोग करेंगे। महिलाओं के द्वारा तालाब कार्यक्रम में शोकाकुल परिवार को भेंट किए जाने वाले साड़ी भी नहीं दी जाएगी। उसके स्थान पर वे भी दानपेटी में राशि दान करेंगे। शनिवार को साहू सदन में हुई जिला साहू संघ की बैठक में समाज के पदाधिकारियों ने यह निर्णय लिया।

बैठक की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष धरम दास साहू ने की। वहीं सभापति के रूप में जीपी साहू और विशेष अतिथि के रूप में प्रदेश उपाध्यक्ष तुलसीदास साहू, राजिम भक्तिन माता समिति कार्यकारी अध्यक्ष चमन साहू, गौकरण साहू, पार्वती साहू, चंद्रहास साहू सहित तहसील व परिक्षेत्र अध्यक्ष शामिल हुए। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि अब मृत्युभोज के नाम पर आडंबर बंद होंगे। पंगत में अब मेवा मिष्ठान अब नहीं परोसे जाएंगे। मृतक परिवार से संवेदना की घड़ी में दिखावा के नाम पर होने वाले अतिरिक्त भार अब नहीं पड़ेंगे।

कफन ओढ़ाने के लिए कपड़ों का भरमार होती है, जिसे नष्ट कर दिया जाता है उसके स्थान पर अब मृतक को परिवार के नजदीकी परिजन व रिश्तेदार ही कफन डालेंगे तथा अन्य सामाजिक, पारिवारिक व अन्य लोग जो अंत्येष्टि में शामिल होंगे वे कफन के स्थान पर दानपेटी में नगद राशि दान करेंगे। जो मृतक के परिजन को आंशिक रूप से सहयोग प्रदान करेगी। कार्यक्रम का संचालन जिला महामंत्री नोहरदास साहू ने किया व आभार प्रदर्शन तुलसी साहू ने किया। इस दौरान स्व. ताराचंद साहू की जयंती पर उन्हें स्मरण किया गया तथा व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डाला गया। सुरमाल परिक्षेत्र 4 के अध्यक्ष आशाराम साहू के आकस्मिक निधन पर उन्हें भी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस दौरान प्रमुख रूप से पंकज साव, तुला राम साहू, लक्ष्मण साहू, टीकम साहू, मोहन साहू, देवेश साहू, नारायण साहू, गुनित साहू, श्रीराम साहू, मनोहर साहू, विष्णु साहू, दुबेलाल साहू, एकेश्वर साहू, सुखदेव, भाविक सार्वा सहित सामाजिक बंधु शामिल थे।


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