महासमुन्द

सत्यापन के नाम पर बिना जांच के काटा जा रहा गरीबों का राशन कार्ड-निखिलकांत
23-Nov-2025 10:29 PM
सत्यापन के नाम पर बिना जांच के काटा जा रहा गरीबों का राशन कार्ड-निखिलकांत

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

महासमुंद, 23 नवंबर। नगर पालिका अध्यक्ष निखिलकांत साहू ने विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि शासन के निर्देश पर राशन कार्डों की जांचंंं तथा अपात्रों के राशन कार्ड रद्द किए जा रहे हैं। जो निश्चित ही स्वागतेय है। लेकिन उचित जांच किए बगैर ही राशन कार्डों ंको निरस्त किए जा रहे हैं जो न्याय संगत नहीं है। कई गरीब परिवार जो हर दृष्टि से पात्र हैं, उनका भी राशन कार्ड निरस्त किए जा रहे हैं।

श्री साहू ने कहा कि अनेक पात्र लोगों ने उन्हें इस बात की जानकारी दी है कि वे शासन के गाइड लाइन के अनुसार गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले लोग हैं, उनका राशन कार्ड निरस्त कर दिया गया है। सत्यापन के नाम पर गरीबों के राशन कार्ड निरस्त किये जा रहे हैं। इसका बड़ा प्रभाव गरीब परिवार के स्कूली बच्चों पर पड़ सकता है। आरटीई के तहत शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्रों को भविष्य में राशन कार्ड की आवश्यकता होने पर वे गरीबी रेखा अंतर्गत राशन कार्ड प्रस्तुत नहीं कर पाएंगे। जिसे शिक्षा के अधिकार से उन्हें वंचित होना पड़ेगा।

 

नपाध्यक्ष श्री साहू ने कहा कि शासन के गाइड लाइन अनुसार जिनके पास पांच एकड़ से ज्यादा जमीन और 6 लाख से ज्यादा वार्षिक आय है। ऐसे लोगों के बीपीएल राशन कार्ड निरस्त करने की कार्रवाई की जा रही है।

सत्यापन में अब तक 10 हजार से अधिक राशनकार्डधारी अपात्र पाए गए हैं। इनमें से 7 हजार लोगों के राशनकार्ड निरस्त भी किए जा चुके हैं।

वहीं शहरी क्षेत्र में अधिकांश गरीबों के पास खेती भूमि ही नहीं है, वहीं रोजी-मजदूरी कर वे अपना जीवन यापन करते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकांश लघु कृषक होते हैं, धान का भुगतान सहित सभी प्रकार के भुगतान बैंक खाते में आते हैं। ऐसे में सालाना 6 लाख रुपए से अधिक का लेन-देन दिखने पर उनका राशन काटा जा रहा है। जो गरीब हितग्राहियों के हित में नहीं है।

श्री साहू ने शासन से अनुरोध किया है कि केवल उन्हीं राशन कार्डों को निरस्त किया जाना चाहिए जिनके मुखिया की मृत्यु हो गई है, जो एकल राशन कार्ड थे और लोग उसाक अनैतिक लाभ ले रहे हैं। वास्तविक जांच कर उनका राशन कार्ड निरस्त किया जाए। साथ ही गाइड लाइन में परिवर्तन करते हुए 10 लाख रुफए तक वार्षिक आय, 5 एकड़ कृषि भूमि तक के लोगों को खाद्यान्न योजना का लाभ प्रदान करते हुए गरीबी रेखा अंतर्गत पात्र माना जाए।


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