महासमुन्द

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बागबाहरा, 22 जुलाई। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के आह्वान पर और जिला कांग्रेस कमेटी के निर्देशन में ‘बिजली न्याय आंदोलन’ के तहत सोमवार को बागबाहरा में एक विशाल जनांदोलन का आयोजन किया गया।
प्रदर्शन के बाद प्रतिनिधिमंडल द्वारा छत्तीसगढ़ के राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा गया। इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य राज्य में लगातार बढ़ रही बिजली दरों, अघोषित कटौती, लो वोल्टेज की समस्या और आम जनता पर पड़ रहे आर्थिक बोझ के खिलाफ आवाज बुलंद करना था।
यह प्रदर्शन पूर्व संसदीय सचिव व वर्तमान खल्लारी विधायक द्वारिकाधीश यादव की अगुवाई में संपन्न हुआ। जिसमें बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी पिथौरा चौक बागबाहरा में एकत्रित हुए, जहां से बाइक रैली निकालकर बिजली कार्यालय नवागांव का घेराव किया गया। इस मौके पर जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा नियुक्त ब्लॉक प्रभारीगण राजू यादव, सचिन गायकवाड़ एवं गौरव चंद्राकर की विशेष उपस्थिति रही।
झूठे वादों और लूट की राजनीति से थक चुकी है जनता - विधायक द्वारिकाधीश
सभा को संबोधित करते हुए विधायक द्वारिकाधीश यादव ने कहा कि — जनता अब झूठे वादों और लूट की राजनीति से थक चुकी है। डबल इंजन की भाजपा सरकार ने प्रदेश की भोली-भाली जनता के भरोसे का गला घोंट दिया है। जिस छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार ने बिजली बिल हाफ योजना से 65 लाख उपभोक्ताओं को राहत दी, आज उसी छत्तीसगढ़ में बिजली की दरें आसमान छू रही हैं।
श्री यादव ने आगे कहा कि — कोयला हमारा, पानी हमारा, जमीन हमारी... और हमें ही मंहगे दामों पर बिजली बेची जा रही है। अडानी के प्रीपेड मीटर लगाकर जनता को लूटने की साजिश की जा रही है। आज जनता सडक़ों पर उतर चुकी है और यह शुरुआत है उस संघर्ष की, जो जनहित और न्याय के लिए लड़ा जाएगा।
कांग्रेस नेताओं ने ज्ञापन सौंपते हुए आरोप लगाया कि – भाजपा सरकार ने बिजली दरों में निरंतर वृद्धि की है, जबकि कांग्रेस शासनकाल में बिजली बिल हाफ योजना के तहत उपभोक्ताओं को 3240 करोड़ की सब्सिडी मिली थी।
साथ ही किसानों को 5 ॥क्क तक नि:शुल्क बिजली, बीपीएल परिवारों को 40 यूनिट तक मुफ्त बिजली, अस्पतालों और उद्योगों को सब्सिडाइज दरों पर बिजली दी जाती थी।
जबकि वर्तमान भाजपा सरकार न केवल बिजली दरें बढ़ा रही है, बल्कि अघोषित कटौती और लो वोल्टेज की समस्या से ग्रामीण और शहरी क्षेत्र समान रूप से प्रभावित हैं। वही भाजपा सरकार द्वारा कई सरकारी विभागों और उपक्रमों के करोड़ों के बकाया बिजली बिल वसूल नहीं किए जा रहे, लेकिन आम जनता से जबरन वसूली की जा रही है।
कोयले पर ग्रीन टैक्स, रेलवे मालभाड़े में वृद्धि, और अडानी से महंगे दर पर कोयला खरीद जैसे निर्णयों से बिजली उत्पादन महंगा हुआ है, जिसका बोझ सीधे जनता पर डाला जा रहा है जो कि सरासर अन्याय है ।