महासमुन्द

11 साल में जहां मन किया वहां बना दी कॉलोनियां, 18 कॉलोनी बसने के बाद हरकत में आया पालिका प्रशासन
12-Jul-2025 4:37 PM
11 साल में जहां मन किया वहां बना दी कॉलोनियां, 18 कॉलोनी बसने के बाद हरकत में आया पालिका प्रशासन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

महासमुंद,12 जुलाई। अवैध कब्जा जैसी समस्या की जड़ें शहर में लगातार फैल रही हैं। हालत यह है कि महासमुंद शहर में 11 साल के भीतर 18 अवैध कॉलोनियां बन गईं। जबकि कुल वैध कॉलोनियों की संख्या मात्र 5 है। इस विषय में छत्तीसगढ़ नगरीय प्रशासन व विकास विभाग से सख्ती बरते जाने के बाद अब पालिका प्रशासन के हाथ-पांव फूल रहे हैं।

 मालूम हो कि नगरीय प्रशासन व विकास विभाग ने निकाय क्षेत्र अंतर्गत की जा रही अवैध प्लाटिंग का चिन्हांकन कर अवैध कॉलोनी विकसित करने वालों के खिलाफ  वैधानिक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। इस आधार पर नगर पालिका सीएमओ ने तहसील को जांच करने के लिए कहा है।

जानकारी के मुताबिक महासमुंद शहर में सिर्फ  5 कॉलोनाइजर ने पालिका से नियमानुसार लाइसेंस बनाया है। नगर व ग्राम निवेश से ले.आउट पास कराया हुआ है और साथ ही रेरा में भी पंजीयन कराया है। इसी बीच इस बात का भी खुलासा हुआ कि पिछले 11 सालों में शहर में प्रशासन की मिलीभगत से 18 अवैध कॉलोनियां बन गई। खास बात ये है कि जिला प्रशासन ने भी मास्टर प्लान के अनुरूप शहर के विकास को लेकर जो खाका खींचा था, उसके अनुरूप क्रियान्वयन में ढिलाई बरती गई।

हाल ही में नगर पालिका ने शहर में अवैध कॉलोनियों को चिह्नांकित कर सूची जारी की है। जिससे प्रशासनिक तंत्र अब हरकत में है। नगर पालिका प्रशासन ने अवैध कॉलोनियों की सूची तहसील कार्यालय को भेजा है। वहां तहसीलदार से जमीन को टुकड़ों में बेचने वाले का नाम जानने खसरा नंबर की मांगे गए हैं। पालिका से मिली जानकारी के अनुसार शहर में 5 वैध कॉलोनियों में मेघ बसंत कॉलोनी, अरिहंत डेवलपर्स रायपुर रोड, महानदी रेसीडेंसी, अरिहंत डेब्लपर्स सनसिटी जगत विहार कॉलोनी महासमुंद, श्रीराम कॉलोनी शामिल हैं।

जबकि नगरपालिका के मुताबिक श्रीराम वाटिका महासमुंद, हिमालया पार्क महासमुंद, भाजपा कार्यालय के पीछे महासमुंद, शिवानंद कॉलोनी, त्रिमूर्ति कॉलोनी, गुरु गोविंद सिंह उद्यान के बाजू, कुशाभाठ ठाकरे गार्डन के पास, रेलवे कॉलोनी के पास, श्रीराम वाटिका के पास, मौहारी भांठा तालाब के पास, तुमगांव रोड एकता चौक, रेलवे स्टेशन के पास बसी कालोनियां अवैध हैं।

खास बात यह है कि विद्युत विभाग ने नर मकानों में नियमों के विपरीत बिजली कनेक्शन दे दिए। जबकि नया कनेक्शन देने के लिए भवन का स्वीकृत नक्शा और पालिका प्रश्शासन की अनापत्ति प्रमाण के बगैर विद्युत कनेक्शन नहीं दिया जाने का प्रावधान है। वहीं किसी भी जमीन की रजिस्ट्री होने के बाद उसके प्रमाणीकरण करने की जवाबदारी तहसील कार्यालय कार्यालय की होती है। वहीं नगर पालिका परिषद की जिम्मेदारी होती है कि शहर में बगैर नक्शा पास किए कोई मकान ना बनने दें। साथ ही मकान बनने के बाद वहां संपत्ति कर की वसूली राजस्व प्राप्त करें। लेकिन पालिका ने नए बन रहे मकानों की सुध नहीं ली। धीरे-धीरे मकान बनते गए। इससे पालिका प्रशासन को राजस्व का नुकसान तो हुआ ही साथ ही शहर की बसाहट भी प्रभावित हुई।  अब नगरपालिका सीएमओ अशोक सलामे का कहना है कि शहर में अवैध कॉलोनियों के खिलाफ  कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सूची तहसील ऑफिस भेज दी गई है। खसरा नंबर मिलने पर अवैध कॉलोनी बनाने वालों पर कार्रवाई होगी। अयोध्या नगर के बाजू, गुड शेफर्ड स्कूल के पास महासमुंद, वेडनर स्कूल के पीछे, त्रिमूर्ति कॉलोनी के बाजू, राजू गैरेज के पास रायपुर रोड, सरस्वती शिशु मंदिर के पीछे नहर से लगकर भलेसर रोड, श्रीराम वाटिका अयोध्या नगर महासमुंद, शिवानंद कॉलोनी पीएचई ऑफिस के पीछे एरिया अवैध है।

तहसीलदार जुगल किशोर पटेल ने कहा कि अवैध कॉलोनियों में प्लाटिंग करने वाले का नाम जानने खसरा नंबर के संबंध में देखकर ही बता पाउंगा। प्रमाणीकरण में गड़बड़ी हुई है तो उसकी जांच कर कार्रवाई की जाएगी। वैसे अवैध कॉलोनियों के खिलाफ  कार्रवाई का काम नगर पालिका का है।


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