महासमुन्द

पिकअप में कुर्सियों को लाद ले गया दुकानदार, जमीन पर बैठ काम कर रहे जनपद अध्यक्ष
02-Oct-2024 2:45 PM
पिकअप में कुर्सियों को लाद ले गया दुकानदार, जमीन पर बैठ काम कर रहे जनपद अध्यक्ष

दुकानदार कह रहा भुगतान नहीं हुआ तो अध्यक्ष ने ही भेजा है, हमने नहीं लाया

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 2 अक्टूबर।
जनपद अध्यक्ष कार्यालय में कुर्सी का भुगतान नहीं होने के कारण दुकानदार कुर्सियों को उठा ले गये हैं और जनपद पंचायत अध्यक्ष जमीन पर बैठकर अपना काम कर रहे हैं। उन्होंने अपने सामने अपने नाम का एक नेम प्लेट भी लगाया हुआ है। ऐसा करते आज उनका दूसरा दिन है। 

जानकारी मिली है कि जनपद कार्यलाय महासमुंद में अब अध्यक्ष के कार्यालय में कुर्सी ही नहीं है लिहाजा अध्यक्ष  यतेंद्र साहू कार्यालय के जमीन पर बैठकर कार्य का संचालन कर रहे हैं। जानकारी अनुसार ढाई साल पहले जनपद अध्यक्ष कार्यालय के लिए एक दुकान से अध्यक्ष कुर्सी समेत जनपद सदस्यों के लिए कुर्सी का क्रय किया गया था जिसका भुगतान अभी तक नहीं हुआ है। दुकानदार द्वारा भुगतान को लेकर के बार-बार अध्यक्ष को सूचना दिया करता था। लेकिन अभी तक कुर्सी का भुगतान नहीं हो सका। अत: कल सुबह ही पिकअप में सभी कुर्सी को डालकर दुकानदार ले गये। 

जनपद अध्यक्ष यतेंद्र साहू ने इस मामले में कहा कि कार्यकाल के दौरान जितने भी सीईओ यहां पदस्थ हुए हैं, सभी को बोला गया है, भुगतान के लिए। लेकिन अब तक भुगतान नहीं हुआ है। इस मामले में जनपद सदस्य दिग्विजय साहू ने बताया कि यह सरासर लापरवाही जनपद पंचायत के सीईओ और बाबू की है। 

जानकारी मिली है कि नया कार्यकाल शुरू होते ही हर बार जनपद में नयी कुर्सियां खरीदी जाती हैं। नयी कुर्सियों के आनेसेपहले ही पुरानी कुर्सियां गायब हो जाती हैं। दसकों से ऐसा ही होते आ रहा है। पुरानी कुर्सियां कहां चली जाती हैं, नयी कुर्सियों को किस मद पर खरीदा जाता है, कौन खरीदता है, इसके लिए कोटेशन और टेंडर होता भी है कि नहीं, इसकी जानकारी सीईओ तक को नहीं है। लेकिन इस बार जनपद अध्यक्ष के कार्यालय से कुर्सी का इस तरह चले जाना बड़ी बात हो गई है। बहरहाल जनपद सदस्य नीम के पेड़ के नीचे दरी बिछाकर बैठ रहे हैं।

भाजपा के जनपद अध्यक्ष यतेंद्र साहू को जनपद कार्यालय के उनके कमरे में जमीन पर बैठा देखकर लोग हैरान रह गए। श्री साहू ने बताया कि उनकी रिवाल्विंग चेयर व सदस्यों की 12 चेयर भुगतान नहीं होने से वेंडर उठाकर ले गया। जबकि वेंडर का कहना है कि वह भुगतान मांगने अध्यक्ष के पास गया था। लेकिन टेबल-कुर्सियां मैं नहीं लाया हूं। जनपद अध्यक्ष ने स्वयं भिजवाई है मेरी दुकान में। पुराना होने के बाद। 

बिना कोटेशन मंगाया गया था फर्नीचर-सीईओ
सीईओ जनपद बीएस मंडावी ने बताया कि मामला करीब डेढ़ साल पुराना तथा उनके आने के पहले का है। उपरोक्त फर्नीचर बिना कोटेशन के मंगाया गया था। 
खरीदी के लिए आधिकारिक आदेश भी नहीं था। कारण मैंने भी उसे रखने से मना कर दिया। बाकी के पुराने सारे फर्नीचर कहां हैं, इसका पता नहीं लगा है। 
 


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