महासमुन्द

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 22 सितंबर। पूर्व संसदीय सचिव व पूर्व विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर ने जारी विज्ञप्ति में कहा कि देश में बढ़ती महंगाई ने आम जन का जीना मुहाल कर दिया है। विगत कई महीनों डीजल-पेट्रोल, घरेलू गैस से लेकर चीनी, दाल, प्याज आलू की कीमतों में वृद्धि से लोग पहले से परेशान थे। अब खाद्य तेल के बढ़ते दामों ने रसोई का बजट बिगाड़ दिया है। केंद्र सरकार अपनी नाकामी छिपाने देश की जनता पर महंगाई का बोझ डाल रही है। सोया फसल उत्पादनकर्ता किसानों को समर्थन मूल्य ना देना पड़े, इसलिए खाद्य तेलों के दामों में बेतहाशा वृद्धि की गई है। इसका सीधा असर आम जनता पर पड़ेगा। इसके अलावा सरसों, वनस्पति, सूरजमुखी, रिफाइंड आदि के दामों में प्रति किलो 30 से 40 रुपए की बढ़ोत्तरी की गई है। एक तरफ किसानों को उनके खून.पसीने की असल कीमत नहीं मिल रही। दूसरी ओर उससे कई गुना ज्यादा महंगाई आम जनता पर डालकर मुनाफाखोरी कर रही है।
श्री चंद्राकर ने कहा कि मोदी सरकार ने खाद्य तेलों पर कस्टम ड्यूटी बढ़ा दिया है। देश में कर संग्रहणए सरकार के अनुमान और तय लक्ष्य से अधिक होने के बावजूद अचानक खाद्य तेलों में 20 प्रतिशत तक की भारी भरकम कस्टम ड्यूटी बढ़ाना जनता के साथ भाजपा सरकार का अन्याय है। मोदी निर्मित राष्ट्रीय आपदा ‘महंगाई ’ से आम जनता का जीना मुश्किल हो गया है। एक तरफ घटती आमदनी और बेरोजगारी से आम जनता त्रस्त है, वहीं मोदी सरकार की गलत आर्थिक नीतियों और केंद सरकार की बेरहमी से टैक्स वसूली की भूख के कारण महंगाई बेतहाशा बढ़ रही है। आलू, प्याज, लहसुन, अनाज, दलहन, रसोई गैस के दाम आसमान छू रहे हैं और अब अचानक खाद्य तेल में 20.20 प्रतिशत की वृद्धि आम जनता पर अत्याचार है।