महासमुन्द

त्रैमासिक परीक्षाएं सिर पर, जिले के 14 स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं, 234 स्कूलों में मात्र एक शिक्षक केभरोसे पढ़ाई
21-Sep-2024 2:57 PM
त्रैमासिक परीक्षाएं सिर पर, जिले के 14 स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं, 234 स्कूलों में मात्र एक शिक्षक केभरोसे पढ़ाई

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 21 सितंबर।
शासकीय स्कूलों में त्रैमासिक परीक्षाएं सिर पर है लेकिन जिले के अनेक स्कूलों में शिक्षकों की कमी बरकरार है। कई स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई भगवान भरोसे ही हो रही है। 

ताजा जानकारी अनुसार जिले के 14 स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं है और 234 स्कूलों में मात्र एक शिक्षक के भरोसे पढ़ाई चल रही है। आए दिन जिले के स्कूलों में ताला बंदी होती रहती है। एकल शिक्षकीय स्कूलों में शिक्षक किसी कारणवश छुट्टी लेता है तो उस दिन पढ़ाई का बंटाधार हो जाता है। जिले के बागबाहरा विकासखंड में 79, बसना में 59, पिथौरा में 53, महासमुंद में 23 तथा सरायपाली में 11 स्कूल एक-एक शिक्षक के भरोसे चल रही है। 

मिली जानकारी के अनुसार स्कूल शिक्षा विभाग मौजूदा स्थिति में प्राथमिक व माध्यमिक स्कूलों में बच्चों को गणवेश, पुस्तक, भोजन जरूर उपलब्ध करवा रहा है, लेकिन शिक्षकों की व्यवस्था पर ध्यान कम है। जिले में ही कुछ ऐसे स्कूल भी हैं जहां एक अकेले शिक्षक पर कक्षा पहली से पांचवीं तक के बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी है।

जिला शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में 1281 प्राथमिक शाला हैं, जिनमें से कुल 234 स्कूलों में एक-एक शिक्षक की नियुक्ति है। वहीं 14 माध्यमिक शाला में एक-एक शिक्षक पर बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी है। विषयों के शिक्षक नहीं होने से एक शिक्षक को ही सभी विषय छात्रों को पढ़ाना पड़ता है। इसके अलावा स्कूल से संबंधित अन्य कार्य भी शिक्षक को अकेले ही करना पड़ता है। 

यही कारण है कि शासकीय स्कूलों में दर्ज संख्या में गिरावट भी आ रही है। ज्यादातर गांव के बच्चे आरटीई के तहत निजी स्कूल में प्रवेश ले लेते हैं। दूरदराज व ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा का स्तर ज्यादा पिछड़ा है। ज्यादातर शिक्षक यहां जाना नहीं चाहते हैं। शिक्षकों की व्यवस्था कर भी दी जाए तो भी यहां शिक्षक ज्यादा दिन टिकते नहीं हैं


अन्य पोस्ट