महासमुन्द

धान खरीदी पर मंडी शुल्क व कृषक कल्याण शुल्क में विसंगति
12-Dec-2022 3:38 PM
धान खरीदी पर मंडी शुल्क व कृषक कल्याण शुल्क में विसंगति

ट्रेडर्स एसो. ने संसदीय सचिव से मुलाकात कर सौंपा ज्ञापन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 12 दिसम्बर।
ट्रेडर्स एसोसिएशन महासमुंद के पदाधिकारियों ने आज रविवार को संसदीय सचिव व विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर से मुलाकात कर धान खरीदी पर मंडी शुल्क व कृषक कल्याण शुल्क में विसंगतियों को लेकर ज्ञापन सौंपा। जिस पर संसदीय सचिव श्री चंद्राकर ने उचित पहल करने उनकी मांगों की ओर शासन का ध्यानाकर्षित कराने का आश्वासन दिया।

कल रविवार को ट्रेडर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी संसदीय सचिव निवास पहुंच कर संसदीय सचिव श्री चंद्राकर से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने बताया कि तीस नवंबर 2021 तक सभी व्यापारी जो धान खरीदी करते थे उसके धान के मूल्य पर दो प्रतिशत मंडी शुक देना होता था चाहे वह ट्रेडर्स हो या राईस मिलर्स हो या पोहा मिलर्स या फिर चावल निर्यातक। सभी के लिए एक समान मंडी शुल्क देय था। लेकिन एक दिसंबर 2021 से सभी धान खरीदी करने वाले व्यापारियों को धान के मूल्य पर तीस प्रतिशत मंडी शुल्क एवं दो प्रतिशत कृषक कल्याण शुल्क लगा दिया गया। जिसे समय.समय में परिवर्तन कर दिया गया है।

एक जुलाई 2022 से पोहा मिलर्स के लिए धान मूल्य पर मंडी शुल्क एक प्रतिशत कर दिया गया और कृषक कल्याण शुल्क में पूर्णत: छूट प्रदान किया गया है। इस तरह उन्हें चार प्रतिशत की छूट दी गई। इसी तरह 27 जुलाई 2022 से चावल निर्यातकों से कोई शुल्क नहीं लिया जा रहा है। उन्हें मंडी शुल्क एवं कृषक कल्याण शुल्क में पूर्णत: छूट प्रदान की जा रही है। राईस मिलर्स को मंडी शुल्क व बताया गया कि कृषक कल्याण शुल्क एक प्रतिशत किया गया है। जबकि धान ट्रेडर्स व्यापारियों के लिए कोई छूट प्रदान नहीं की जा रही है। धान खरीदी मूल्य तीन प्रतिशत मंडी शुल्क व दो प्रतिशत कृषक कल्याण शुल्क को यथावत रखा गया है। इससे धान खरीदी के लिए व्यापारी प्रतिस्पर्धा पूर्णत: समाप्त हो गई है। जिसके कारण किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य प्राप्त नहीं हो सकेगा। जिस पर संसदीय सचिव श्री चंद्राकर ने उनकी मांगों की ओर शासन का ध्यानाकर्षित कराने का आश्वासन दिया है।
 


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