महासमुन्द

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 23 नवंबर। किसानों द्वारा पिछले साल समर्थन मूल्य में बेचे गए धान के साथ बारदाना भी दिया था, जिसका भुगतान अभी तक नहीं किया गया है। इसके चलते किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। जिला सहकारी बैंक के माध्यम से किसानों के खातों में बारदाने का भुगतान अभी तक जमा नहीं हुआ है। इसके साथ ही सहकारी समितियों को भी बारदाने का भुगतान नहीं किया गया है। इस साल 1 दिसंबर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी शुरू होने वाली है। बारदाने को लेकर विभाग तैयारी में जरूर जुट गया है, लेकिन इस साल भी बारदाने की किल्लत होने की संभावना है। समितियों में अभी तक बारदाने नहीं पहुंचे हैं।
ज्ञात हो कि कोरोनाकाल में जूट मिल बंद होने के कारण बारदाने की किल्लत झेलनी पड़ी थी। केंद्रों में नए बारदाने मांग अनुसार नहीं पहुंचा था। पीडीएस व मिलर्स के बारदाने खराब हो गए थे। इसे देखते हुए शासन ने किसानों को 15 रुपए बारदाने की राशि भुगतान करने की बात कहते हुए किसानों को अपने ही बारदाने में बेचने के लिए कहा था। पिछले साल किसानों ने अपने बारदाने में धान बेचा लेकिन भुगतान नहीं होने से उन्हें घाटा सहना पड़ा। इससे किसानों को सीधे 35 रुपए का नुकसान हुआ है। किसान बारदाने को 40 रुपए में खरीदता है। धान बेचने जब उपार्जन केंद्र पहुंचता है, तो सरकार उसी बारदाने को 15 रुपए के भाव से खरीदती है। उसमें भी उसे 7 रुपए 30 पैसे का ही भुगतान बैंकों से हुआ है। शेष राशि अभी भी लंबित है।